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क्या आप ऐसी सरकारी सर्विस को जानते हैं जो इलाज के लिए अस्पताल की लंबी लाइनों, लैब की कतारों और डॉक्टर के लंबे इंतजार से निजात दिलाती है? देश के करोड़ों लोग इसका फायदा उठा भी रहे हैं. ये सर्विस है आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट (ABHA) की स्कैन और शेयर सेवा जिसने बीते कल एक मील का पत्थर हासिल कर लिया है.
एबीएचए या आभा आधारित स्कैन और शेयर सेवा देश भर में 2 करोड़ तत्काल ओपीडी रजिस्ट्रेशन की सुविधा दिला रही है
भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना के बारे में आपने सुना होगा. इस स्कीम के तहत पात्र परिवारों को 5 लाख रुपये तक का सालाना मेडिकल खर्च केंद्र सरकार की ओर से मुफ्त मिलता है. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के बेनेफिशयरीज को अस्पतालों में हेल्थकेयर सर्विसेज तक कैशलेस पहुंच मिलती है. इसी के बेनेफिशयरीज के आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट यानी आभा (ABHA) अकाउंट होते हैं.
अस्पतालों के ओपीडी सेक्शन में आने वाले मरीज पंजीकरण कतारों में लगने वाले समय को बचाने के लिए तत्काल टोकन प्राप्त करने के लिए अपने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते (एबीएचए) का उपयोग कर रहे हैं
उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर डिजिटल ओपीडी पंजीकरण सेवा को अपनाने में सबसे आगे हैं
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने आज एबीएचए आधारित स्कैन और शेयर सेवा के माध्यम से आउट-पेशेंट-डिपार्टमेंट (ओपीडी) पंजीकरण के लिए 2 करोड़ से अधिक टोकन उत्पन्न करने का एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. अक्टूबर 2022 में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत लॉन्च की गई, इस अनोखी पेपरलेस सेवा ने पेशेंट एक्सपीरियंस में क्रांति ला दी है. इससे कमजोर वर्ग जैसे बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और चलने फिरने में परेशानी वाले लोग लाभान्वित हुए हैं. इससे अपॉइंटमेंट के लिए लगने वाली लंबी कतारों के लंबे इंतजार को समाप्त कर दिया गया है.
एबीएचए-आधारित स्कैन और शेयर सेवा मरीजों को ओपीडी पंजीकरण काउंटर पर दिखने वाला क्यूआर कोड को स्कैन करके ओपीडी अपॉइंटमेंट के लिए आसानी से पंजीकरण करने में सक्षम बनाती है, जिससे पंजीकरण के लिए तुरंत उनकी एबीएचए प्रोफ़ाइल साझा की जाती है.
स्कैन और शेयर सेवा वर्तमान में भारत के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 465 जिलों में 3,860 से अधिक स्वास्थ्य सुविधाओं में चालू है. औसतन एक लाख मरीज प्रतिदिन स्कैन और शेयर सेवा का उपयोग करते हैं और कतारों में लगने वाले समय की बचत करते हैं.
इसे अपनाने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और जम्मू और कश्मीर अग्रणी हैं, जिनके प्रभावशाली आंकड़े नागरिक कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं.
एबीडीएम पब्लिक डैशबोर्ड (https://dashboard.abdm.gov.in/abdm/) सेवा के उपयोग के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जिसमें दिल्ली, भोपाल, रायपुर और भुवनेश्वर में एम्स में उल्लेखनीय उपयोग दर्ज किया गया है. उल्लेखनीय रूप से, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और जम्मू और कश्मीर के सोलह अस्पताल एबीएचए-आधारित स्कैन और शेयर सेवा का उपयोग करके उत्पन्न ओपीडी टोकन की कुल संख्या के लिए शीर्ष प्रदर्शन करने वाली सुविधाओं में प्रमुखता से शामिल हैं, जो स्वास्थ्य देखभाल पहुंच और दक्षता बढ़ाने के लिए उनके समर्पण का उदाहरण है.
एबीएचए का उपयोग करके उत्पन्न किए गए सभी ओपीडी टोकन में से, 75 प्रतिशत पहली बार उपयोगकर्ताओं द्वारा किए जाते हैं, जबकि 22 प्रतिशत एक बार टोकन सुविधा का लाभ उठाने के बाद बाद की ओपीडी यात्राओं के लिए वापस आते हैं, जो इसके व्यापक अपनाने और उपयोगिता को उजागर करता है. सेवा उपयोग डेटा एक दिलचस्प तथ्य यह भी देता है कि 25 प्रतिशत से अधिक उपयोगकर्ता 45 वर्ष से अधिक आयु के हैं. यह दर्शाता है कि सेवा का उपयोग करना आसान है और यह नियमित ओपीडी पंजीकरण में सुविधा जोड़ता है.
डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व पर बोलते हुए, सीईओ, एनएचए ने कहा, “एबीडीएम भारत के सभी नागरिकों के लिए सुलभ और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए डिजिटल तकनीक का लाभ उठाता है. स्कैन और शेयर सुविधा एक ऐसी पहल है जिसके माध्यम से एबीडीएम प्रतीक्षा समय को काफी कम करके बिना किसी रुकावट के रोगी पंजीकरण को बढ़ावा देता है. इसने सिस्टम में डेटा एंट्री की सटीकता सुनिश्चित की है, दक्षता बढ़ाई है और व्यापक रोगी जानकारी के साथ स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को सशक्त बनाया है. इस तरह के इनोवेशन के माध्यम से, हमारा लक्ष्य एक ऐसी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली बनाना है जहां हर व्यक्ति तुरंत अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुंच सके और अपनी स्वास्थ्य यात्रा का प्रभार ले सके.”
स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रौद्योगिकी प्रदान करने वाले अस्पतालों और डिजिटल समाधान कंपनियों (डीएससी) के बीच स्कैन और शेयर सेवा को और अधिक अपनाने के लिए, एनएचए ‘स्कैन और शेयर’ लेनदेन और सृजन के लिए एबीडीएम की डिजिटल स्वास्थ्य प्रोत्साहन योजना (डीएचआईएस) के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करता है. डीएचआईएस के बारे में अधिक जानकारी https://abdm.gov.in/DHIS पर उपलब्ध है.
एनएचए मरीजों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए भी समर्पित है. ‘स्कैन एंड शेयर’ सेवा अब फार्मेसियों में लागू की जा रही है और इसे डायग्नोस्टिक लैब्स सेंटर्स तक भी विस्तारित करने की योजना पर काम चल रहा है.
इसके अतिरिक्त, ‘स्कैन एंड सेंड’ और ‘स्कैन एंड पे’ जैसी आगामी सेवाएं जल्द ही मरीजों को अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड (पर्चे या लैब रिपोर्ट सहित) भेजने के लिए किसी सुविधा (अस्पताल या फार्मेसी) में क्यूआर कोड को आसानी से स्कैन करने की अनुमति देंगी. इसी तरह, मरीजों को उनके ऐप के माध्यम से सीधे निर्धारित परीक्षणों या दवाओं के लिए भुगतान करने की सुविधा होगी, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं पर भुगतान के लिए लाइनों में इंतजार करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी.
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