फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट को जापान से मिलेंगे 2250 करोड़ रुपये, नया रेलवे ट्रैक बनेगा

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JICA India: देश में मालगाड़ियों को तेजी से एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचाने के लिए बनाए जा रहे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को आगे बढ़ाने में बड़ी सफलता मिली है. भारत सरकार और जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) प्रोजेक्ट के लिए 2,254 करोड़ रुपये (40,000 मिलियन येन) के कर्ज समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य दिल्ली और मुंबई के बीच एक 915 किमी नया डीएफसी बनाकर भारत में माल परिवहन की बढ़ती मांग को पूरा करना है. 

ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन भी होगा कम 

डीएफसी प्रोजेक्ट से दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) विकास योजना को नई गति मिलेगी. साथ ही पूरे क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा. इस प्रोजेक्ट में उन इलाकों को शामिल किया गया हैं, जहां हाल ही में काफी आर्थिक और औद्योगिक विकास हुआ है. इनमें दिल्ली और मुंबई जैसे शहर शामिल हैं. इनकी आबादी तेजी से बढ़ी है. यह प्रोजेक्ट ग्रीन हाउस गैस (GHG) उत्सर्जन को कम करने में भी मदद करेगा. प्रोजेक्ट के फेज 1 और 2 से कुल मिलाकर हर साल 12.79 मिलियन मीट्रिक टन CO2 के बराबर ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के कम होने की उम्मीद है.

दिल्ली और मुंबई के बीच होगा विकास 

इस प्रोजेक्ट के लिए लोन एग्रीमेंट पर वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स के अपर सचिव विकास शील और जीका इंडिया (JICA India) के चीफ रिप्रेजेंटेटिव साइतो मित्सुनोरी ने साइन किए. इस मौके पर साइतो मित्सुनोरी ने कहा कि प्रोजेक्ट के तहत विकसित किया जा रहा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) दिल्ली और मुंबई के बीच महत्वपूर्ण व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्रों को कवर करता है. वेस्टर्न डीएफसी प्रोजेक्ट दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह जापान और भारत के बीच बढ़ते सहयोग को दर्शाने वाला प्रोजेक्ट है. इससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. 

भारत की सबसे बड़ी औद्योगिक बेल्ट बनेगी  

इस प्रोजेक्ट के फेज 1 में हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली एक नई 915 किमी लंबी फ्रेट लाइन (मालगाड़ी ट्रेक) रेवाड़ी से वडोदरा तक बनाई गई है. यह प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट और एफडीआई को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली और मुंबई के बीच राज्यों के औद्योगिक पार्कों और बंदरगाहों को जोड़कर डीएमआईसी क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी औद्योगिक बेल्ट बनाने में मदद करेगा.

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