End of Festive Season: देश का फेस्टिव सीजन अब समापन की ओर है. नवरात्र से शुरू हुए त्योहारों ने बाजार को रौनक से भर दिया था. इस दौरान तेजी से बढ़ी शॉपिंग डिमांड ने व्यापारियों को ज्यादा से ज्यादा माल अपने पास इकठ्ठा करने को मजबूर कर दिया. हालांकि, दीपावली गुजर जाने के साथ ही लोगों ने बाजार से मुंह फेर लिया है. अब कोई भी खरीदारी पर पैसा खर्च करने को तैयार नहीं है. यही वजह है कि देश के लगभग सभी बाजारों में फिलहाल सन्नाटा है. एफएमसीजी सेक्टर के रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर के पास करोड़ों का सामान फंस गया है. उन्हें चिंता सताने लगी है कि कब सप्लाई चेन दुरुस्त होगी और उनका फंसा हुआ पैसा वापस लौट पाएगा.
उम्मीद के मुताबिक नहीं रही डिमांड
बाजार विशेषज्ञ बताते हैं कि इस साल फेस्टिव सीजन में जितनी डिमांड की उम्मीद थी, वो नहीं हुई. रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर ने इसी उम्मीद के हिसाब से माल इकठ्ठा कर लिया था. मगर, अब डिमांड न के बराबर रह गई है, जो कि परेशानी का कारण बना हुआ है. दीवाली तक तो लोगों में खरीदारी का उत्साह बना रहा. लेकिन, उसके बाद से ही मार्केट ठंडे पड़े हैं. बिस्किट, चॉकलेट और कन्फेक्शनरी सेगमेंट में डिमांड सबसे ज्यादा कम हुई है. गिफ्ट पैक तो दीपावली के बाद धरे के धरे रह गए हैं. इनकी डिमांड सबसे कम रही.
ब्यूटी और कास्मेटिक प्रॉडक्ट्स सबसे बुरी हालत में
ब्यूटी और कास्मेटिक प्रॉडक्ट्स को सबसे बुरी हालत का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही साबुन और डिटर्जेंट भी खास अच्छी स्थिति में नहीं हैं. इनका काफी स्टॉक पड़ा हुआ है. इनमें फंसे पैसे रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं. जो माल एक से दो हफ्ते में निकल जाता था, अब उसे निकालने में एक महीना लग जा रहा है. साथ ही क्रेडिट भी ज्यादा देना पड़ रहा है. आंकड़ों के अनुसार, देश में लगभग चार लाख डिस्ट्रीब्यूटर और स्टॉकिस्ट हैं.
कंपनियां सस्ते पैक उतारने की तैयारी में हैं
कंज्यूमर गुड्स कंपनियां इस हालत से अच्छी तरह वाकिफ हैं. हालांकि, उनका मानना है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और छोटी कंपनियां भी चुनौती बने हुए हैं. ग्रामीण इलाकों में मांग त्योहारों के बाद तेजी से घट गई है. हालांकि, इन चीजों से निपटने के लिए कंपनियां सस्ते पैक उतारने की तैयारी में हैं.
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