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Finance Ministry Tweet About New Tax Regime: वित्त वर्ष 2024-25 का आगाज हो चुका है और भारत के वित्त मंत्रालय ने बीती रात नए महीने की तारीख बदलने से ठीक एक मिनट पहले ट्वीट किया है. ऐसा करके गलतफहमी फैलाने वाले सोशल मीडिया पोस्ट्स को लेकर आगाह किया है. इसमें वित्त मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि न्यू टैक्स रिजीम से जुड़ी गलत और भ्रम फैलाने वाली जानकारी से बचें. वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि टैक्सपेयर्स के लिए कोई नया बदलाव 1 अप्रैल 2024 से नहीं लाया जा रहा है
ऐसा देखने में आया है कि कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर न्यू टैक्स रिजीम से जुड़ी भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही हैं. इसलिए यह स्पष्ट किया जाता है कि
01.04.2024 से कोई नया परिवर्तन या बदलाव नहीं आ रहा है. –
It has come to notice that misleading information related to new tax regime is being spread on some social media platforms. It is therefore clarified that:
👉 There is no new change which is coming in from 01.04.2024.
👉 The new tax regime under section 115BAC(1A) was… pic.twitter.com/DtKGkK0D5H
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) March 31, 2024
धारा 115बीएसी(1ए) के तहत न्यू टैक्स रिजीम को मौजूदा ओल्ड टैक्स रिजीम (छूट के बिना) की तुलना में फाइनेंस बिल 2023 में पेश किया गया था (नीचे टेबल देखें)
न्यू टैक्स रिजीम कंपनियों और फर्मों के अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए लागू है, वित्तीय वर्ष 2023-24 से डिफॉल्ट व्यवस्था के रूप में लागू है और इसके अनुरूप ऐसेसमेंट ईयर AY 2024-25 है.
नई कर व्यवस्था या न्यू टैक्स रिजीम के तहत, टैक्स की दरें काफी कम हैं, हालांकि ओल्ड टैक्स रिजीम की तरह विभिन्न छूट और कटौतियों (सैलरी से 50,000 रुपये और पारिवारिक पेंशन से 15,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के अलावा) का टैक्स बेनेफिट मौजूद नहीं है.
न्यू टैक्स रिजीम डिफॉल्ट टैक्स सिस्टम है, हालांकि टैक्सपेयर वह टैक्स सिस्टम (पुरानी या नई) चुन सकते हैं जो उन्हें लगता है कि उनके लिए फायदेमंद है.
न्यू टैक्स रिजीम से बाहर निकलने का ऑप्शन ऐसेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए रिटर्न दाखिल करने तक उपलब्ध है. बिना किसी कमर्शियल इनकम वाले ऐलिजिबिल टैक्सपेयर्स के पास प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए टैक्स सिस्टम चुनने का विकल्प होगा. इसलिए, वे एक वित्तीय वर्ष में नया टैक्स सिस्टम और दूसरे वर्ष में ओल्ड टैक्स रिजीम चुन सकते हैं और इसके विपरीत भी.
साफ तौर पर वित्त मंत्रालय ये चाहता है कि नए वित्त वर्ष की शुरुआत से ही लोगों के मन में टैक्स रिटर्न भरने और न्यू-ओल्ड टैक्स रिजीम को लेकर किसी तरह का कंफ्यूजन ना रहे जैसा कि कई जगह पर कहा जा रहा है कि लोगों के पास अब ऑप्शन सीमित हो गए हैं.
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