Google Blue Tick Service: सर्च इंजन Google अपनी पॉलिसी में समय समय पर बदलाव करता रहता है. इंटरनेट की दुनिया में इसका खासा असर पड़ता है. गूगल एक नया बदलाव कर रहा है, जिसमें गूगल वेबसाइट को वेरीफाई कर रहा है. मतलब अगर आप किसी वेबसाइट को सर्च करते हैं, तो उस वेबसाइट के रियल हैंडल के आगे ब्लू टिक मार्क आएगा. ऐसे में आप फर्जी वेबसाइट को पहचान सकते हैं.
फर्जी वेबसाइट से बचाएगा गूगल
गूगल की तरफ से नया वेरिफिकेशन फीचर पेश किया गया है. इसकी मदद से गूगल फर्जी वेबसाइट पर क्लिक करने से बचाएगा. गूगल की ओर से शुरुआत में ऐपल, मेटा और माइक्रोसॉफ्ट जैसी वेबसाइट को ब्लू टिक मार्क दिया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस चेकमार्क के साथ एक मैसेज दिखेगा, जो बताएगा कि गूगल इंडिकेट करता है कि यह वेबसाइट इस्तेमाल के लिए सुरक्षित है.
कैसे मिलेगा ये ब्लू टिक मार्क?
किसी वेबसाइट को ब्लू टिक कैसे मिलेगा, गूगल ने इस बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं दी है. बीते समय में एक्स के वेरिफिकेशन के दौरान देखा गया था कि कुछ फर्जी एक्स हैंडल ने खुद को वेरिफाई कर लिया था. ऐसे में गूगल के साथ ऐसा हुआ तो ये चिंता की बात हो सकती है. बता दें कि गूगल पर फर्जी वेबसाइट पर लगाम लगाने का खासा दबाव है. चुनाव के दौरान भी फर्जी वेबसाइट के जरिए मुद्दों को भटकाने के आरोप लगते रहे हैं, जिसे रोकने के लिए गूगल अब जरूरी कदम उठा रहा है.
एक्स की तरह गूगल भी लग सकता है पेड सर्विस?
गूगल इस समय सिर्फ चुनिंदा वेबसाइट को वेरिफाई कर रहा है, जिससे फ्रॉड वेबसाइट के नाम पर ठगी न कर सकें. हालांकि, देखना ये भी होगा कि गूगल इसके लिए पेड सर्विस लागू करता है या नहीं. इससे पहले एक्स पर ब्लू टिक दिया गया था, जिसके लिए एलन मस्क ने पेड सर्विस की शुरूआत की थी.
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