प्रतिबंध बेअसर, डबल हुआ भारत-रूस व्यापार, 62 बिलियन डॉलर पर पहुंचा आंकड़ा

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अमेरिका और सहयोगी देशों के द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भी भारत और रूस के बीच आपसी व्यापार तेजी से बढ़ रहा है. पिछले साल यानी 2023 में दोनों देशों का आपसी व्यापार लगभग डबल होकर 65 बिलियन डॉलर के पार निकल गया. रॉयटर्स की एक हालिया रिपोर्ट में रूस के सबसे बड़े बैंक Sberbank के हवाले से यह जानकारी दी गई है.

भारत के साथ आसानी से प्रोसेस हो रहे पेमेंट

रिपोर्ट में Sberbank के डिप्टी सीईओ एनातोली पोपोव के हवाले से कहा गया- भारत के साथ रूस का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है और द्विपक्षीय भुगतान को बिना किसी के परेशानी के प्रोसेस किया जा रहा है. हालांकि रूस को अन्य देशों के साथ आपसी भुगतान को प्रोसेस करने में परेशानियां हो रही हैं, जिसके चलते उन देशों के साथ रूस का व्यापार भी प्रभावित हो रहा है.

प्रतिबंधों के बाद हाई इनकम वाला देश बना रूस

रूस के द्वारा यूक्रेन के ऊपर करीब ढाई साल पहले फरवरी 2022 में हमला करने के बाद उसके ऊपर कई आर्थिक पाबंदियां लगाई गई हैं. अमेरिका की अगुवाई में कई पश्चिमी देशों ने रूस के ऊपर आर्थिक पाबंदियां लगाई हैं. आर्थिक पाबंदियां रूस को अलग-थलग करने और उसकी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए लगाई गई थीं. हालांकि पाबंदियों का खास असर होता दिख नहीं रहा है. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों से पता चला था कि युद्ध और पाबंदियों के बाद भी रूस हाई इनकम कंट्रीज यानी अमीर देशों की लिस्ट में एंट्री करने में कामयाब हुआ है.

भारत-रूस व्यापार में Sberbank की अहम भूमिका

Sberbank रूस का सबसे बड़ा बैंक है और भारत के साथ रूस के व्यापार में उसकी भूमिका अहम है. आंकड़े बताते हैं कि भारत को किए जाने वाले कुल रूसी निर्यात में 70 फीसदी के लिए भुगतान को अकेले यही बैंक हैंडल करता है. बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि 2022 में रूस के ऊपर पश्चिमी देशों के द्वारा आर्थिक पाबंदियां लगाने के बाद भारत रूसी कच्चे तेल का प्रमुख खरीदार बन गया है. उसके चलते 2023 में व्यापार लगभग डबल होकर 65 बिलियन डॉलर के पार निकल गया.

भारत में Sberbank के कर्मचारियों में इजाफा

पोपोव ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम से पहले रॉयटर्स से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 2022 में परिस्थितियां बदलने के बाद भारतीय बाजार में रूसी कंपनियों की दिलचस्पी बढ़ी, क्योंकि भारतीय बाजार ने उन्हें विकल्प प्रदान किया. भारत के साथ रूस का व्यापार बढ़ने से Sberbank को भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या में भी इजाफा करना पड़ा. इस साल दिल्ली, मुंबई अैर बेंगलुरू समेत भारतीय कार्यालयों में Sberbank को कर्मचारियों की संख्या 150 फीसदी बढ़ गई हैं.

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