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Paytm Stocks: पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक ने सख्ती क्या की, इससे जुड़ी कंपनी पेटीएम (वन97 कम्यूनिकेशंस लिमिटेड) के शेयरों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया था. हालांकि शुक्रवार 16 फरवरी को आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को राहत देते हुए इसकी 29 फरवरी से बैन होने वाली सर्विसेज को 15 मार्च तक जारी रखने का फैसला सुनाया. हालांकि ये खबर शेयर बाजार बंद होने के बाद आई और इसका असर आज पेटीएम के शेयर के ऊपर दिखाई दे सकता है. माना जा रहा है कि पेटीएम के शेयरों में आज जोरदार उछाल देखा जा सकता है और अपर सर्किट पर भी इसके शेयर जा सकते हैं.
पेटीएम पेमेंट्स बैंक को क्या राहत दी थी आरबीआई ने
आरबीआई ने अपने आदेश में कहा कि पहले कहा गया था कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक (पीपीबीएल) में 29 फरवरी 2024 के बाद कस्टमर के खाते, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट, वॉलेट, फास्टटैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड्स में कोई ना डिपॉजिट किया जा सकेगा और ना कोई क्रेडिट ट्रांजैक्शन या टॉपअप किया जा सकेगा. लेकिन ये आदेश अब 15 मार्च 2024 से लागू होगा.
रिजर्व बैंक ने पीपीबीएल के ग्राहकों और दुकानदारों को अपने खाते 15 मार्च तक दूसरे बैंकों में ट्रांसफर करने को कहा है. इसके साथ आरबीआई ने संकट में फंसी कंपनी को अपने ज्यादातर ऑपरेशंस को बंद करने के लिए 15 दिन का और समय दे दिया है और मियाद 15 मार्च तक बढ़ा दी है.
ये सख्ती रहेगी जारी
हालांकि वन97 कम्यूनिकेशंस लिमिटेड और पेटीएम पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड के नोडल अकाउंट्स जो पेटीएम पेमेंट्स बैंक द्वारा संचालित किए जाते हैं उसे 29 फरवरी 2024 से पहले टर्मिनेट करने का आदेश लागू रहेगा. साथ ही 15 मार्च 2024 तक सभी पाइपलाइन में पड़ी ट्रांजैक्शंस और नोडल अकाउंट्स को सेटल करने के डेडलाइन में भी आरबीआई ने कोई बदलाव नहीं किया है.
केंद्रीय मंत्री ने क्या कहा है इस पर
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रेगुलेटरी एक्शन ने फिनटेक कंपनियों का ध्यान कानून के अनुपालन के महत्व की ओर खींचा है. चंद्रशेखर ने इस बात पर जोर दिया कि रेगुलेटरी कंप्लाइंस कंपनियों के लिए ‘वैकल्पिक’ नहीं हो सकता, बल्कि यह एक ऐसा पहलू है जिसपर प्रत्येक कारोबारी को पूरा ध्यान देना चाहिए. पेटीएम पेमेंट्स बैंक संकट के बीच मंत्री ने कहा कि कोई भी कंपनी, चाहे वह भारत की हो या विदेश की, बड़ी हो या छोटी, उसे देश के कानून का पालन करना होगा
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