पितृ ऋण और पितृ दोष में है बड़ा अंतर, दूर करने के लिए पितृपक्ष में करें ये उपाय

[ad_1]

Pitru Paksha 2023: हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व है. पितृपक्ष का समय पितरों के तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध के लिए होता है. इससे पितरों को तृप्ति मिलती है है और वे अपने परिवार वालों को खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं.

पंचांग के अनुसार, पितृपक्ष हर साल भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से शुरू होकर आश्विन माह की अमावस्या तक चलता है. इस साल 29 सितंबर 2023 को पितृपक्ष शुरू हो जाएगा और 14 अक्टूबर 2023 को इसकी समाप्ति होगी. पितृपक्ष के दौरान आप कुछ उपायों को कर पितृ दोष और पितृ ऋण से मुक्ति पा सकते हैं. इसके लिए कुछ उपाय भी बताए गए हैं, जो बेहद कारगर माने जाते हैं.

पितृ दोष और पितृ क्षण क्या है अंतर (Difference Between Pitra Rin and Pitra Dosh)

कई लोग पितृ दोष और पितृ ऋण को एक ही समझ लेते हैं. लेकिन आपको बता दें कि, पितृ दोष और पितृ ऋण एक नहीं है. पितृ ऋण तब लगता है, जब पितृ ने अपने जीवन में कोई गलती की हो या फिर बुरे काम किए हों, जिसके कारण पितृ मृत्यु के बाद भी दुखी रहते हैं. भले ही ऋण पितृ के हों लेकिन यदि इस ऋण को नहीं उतारा गया तो पितरों के इस पाप कर्म का फल पूरे वंश को झेलना पड़ सकता है. इसलिए पितृपक्ष में पितृ ऋण से मुक्ति से संबंधित उपायों को जरूर करें.

वहीं पितृ दोष के उपायों से आप रूठे या नाराज पितरों को मना सकते हैं. क्योंकि पितृ यदि नाराज हो गए तो इसके भयंकर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. पितरों का अनादर करने, उन्हें कष्ट देने से दुखी दिवंगत आत्माएं शाप देती है. ज्योतिष की माने तो किसी व्यक्ति की कुंडली के ल्ग्न भाव और पांचवे भाव में सूर्य मंगल और शनि विराजमान हो तो पितृदोष बनता है.

पितृ ऋण और पितृ दोष उपाय

  • तर्पण करें: पितरों की आत्मा की शांति के लिए पितृपक्ष में तर्पण करें. तर्पण केवल पूर्वजों के नाम पर ही नहीं,  बल्कि जिसका ऋण आपके पूर्वजों पर हो और यदि उसकी मृत्यु हो गई हो तो उसके नाम पर भी तर्पण करना चाहिए. इससे पितृ दोष और पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है.
  • कपूर जलाएं: पितृपक्ष के दौरान प्रतिदिन घर पर कपूर जलाना चाहिए और ईश्वर से पितृ ऋण के लिए क्षमा मांगें.
  • दान करें: दान से पाप कर्म का नाश होता है और पुण्य कर्मों में वृद्धि होती है. पितृपक्ष में क्षमता अनुसार गरीबों में दान करना चाहिए. पितृ ऋण और पितृ दोष से मुक्ति के लिए पितृपक्ष में परिवार से सभी सदस्यों के बराबर सिक्के ले लीजिए और इसे मंदिर में दान कर दीजिए.
  • हनुमान चालीसा: पितृपक्ष में तेरस, चौदस, अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को गाय के गोबर से बने उपले पर गुड़ और घी रखकर जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ भी करें. इससे भी पितृ ऋण और पितृ दोष से छुटकारा मिलता है.

ये भी पढ़ें: Swara Bhasker Baby: स्वरा भास्कर ने बेटी का नाम रखा ‘राबिया’, सूफी संत से क्या है इसका कनेक्शन

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *