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Papmochani Ekadashi 2024: हिंदू कैलेंडर की आखिर एकादशी 5 अप्रैल 2024 को है. इसे पापमोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. शास्त्रों में कहा गया है कि कलियुग में एकादशी मात्र ऐसा व्रत है जो व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति दिलाने में मदद करेगा.
पापमोचनी एकादशी भी अपने नाम स्वरूप साधक को पाप कर्म से छुटकारा दिलाता है. पापमोचिनी एकादशी व्रत करने से पहले उन नियमों के बारे में जान लें जिनकी अनदेखी करने पर अक्सर यह व्रत टूट जाता है.
पापमोचनी एकादशी पर न करें ये गलतियां
- पापमोचनी एकादशी व्रत के दिन दान-दक्षिणा बहुत महत्वपूर्ण है. ऐसी मान्यता है कि एकादशी का व्रत तब तक अधूरा माना जाता है जब तक आप किसी जरूरतमंद को निस्वार्थ भाव से दान न दे दें.
- पापमोचनी एकादशी पर देर तक न सोएं. इस दिन दोपहर और रात्रि में भी सोने की मनाही होती है. रात्रि जागरण कर श्रीहरि की पूजा करना चाहिए. साथ ही किसी का अपमान न करें. तन-मन से शुद्धता बनाए रखें. मन शुद्ध होगा तभी पूजा सफल होगी.
- एकादशी पर काले रंग के वस्त्र न पहनें इस दिन पीले या नारंगी रंग के कपड़े पहनने चाहिए. साथ ही फलाहार व्रत करें. किसी भी तरह का तामसिक खाना नहीं करना चाहिए. इस नियम की अनदेखी से व्रत टूट जाता है.
- श्रीहरि की पूजा में तुलसी जरुर चढ़ाएं लेकिन एकादशी पर तुलसी दल नहीं तोड़ना चाहिए. इससे लक्ष्मी नाराज होती है. घर में कंगाली छाती है.
पापमोचनी एकादशी पर क्या करें
- पापमोचनी एकादशी पर भगवान विष्णु का ध्यान करें और भजन कीर्तन करते रहें. वहीं अगर इस एकादशी की रात में जाग कर भगवान विष्णु की पूजा की जाए तो हजार सालों की तपस्या का फल मिलता है. घर में सुख शांति बनी रहती है.
- इस दिन में मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर दान करना चाहिए और किसी मंदिर में भोजन या अन्न का दान करें.
- पापमोचनी एकादशी व्रत में फल, चीनी, कुट्टू, आलू, साबूदाना, शकरकंद, जैतून, नारियल, दूध, बादाम, अदरक, काली मिर्च, सेंधा नमक आदि का सेवन किया जा सकता है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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