पाकिस्तान में खत्म हो गया टैलेंट? क्यों हर फॉर्मेट में फिसड्डी साबित हो रही टीम? कहां है कमी?

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Pakistan Cricket Weakness: पाकिस्तान टीम के लिए नए साल की शुरुआत बेहद खराब रही है. इस साल पाकिस्तान ने अब तक 5 इंटरनेशनल मैच खेले और सभी में उसे हार का सामना करना पड़ा. यहां पाकिस्तान को ऑस्ट्रेलिया से दो टेस्ट मैचों में मात मिली और न्यूजीलैंड के खिलाफ उसने तीन टी20 मुकाबले गंवा दिए.

पाक टीम के लिए पिछला साल भी बेहद खराब साबित हुआ था. वनडे वर्ल्ड कप में उसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा था. इसके बात पाक टीम मैनेजमेंट में भी उथल-पुथल मच गई थी. विदेशी कोचों की छुट्टी कर दी गई थी. चयनकर्ताओं से लेकर कप्तान तक में बड़े बदलाव किए गए थे. हालांकि इन सब के बावजूद पाकिस्तान क्रिकेट की गाड़ी पटरी पर नहीं आ पा रही है.

पाकिस्तान ने पिछले साल की शुरुआत से लेकर अब तक कुल 45 इंटरनेशनल मुकाबले खेले हैं. इनमें उसे जितनी जीत मिली है, उससे ज्यादा मुकाबले गंवाने पड़े हैं. पाक टीम को यहां 20 मैचों में जीत हासिल हुई है और 22 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है. यहां भी पाकिस्तान को घरेलू मुकाबलों में ही ज्यादा कामयाबी हासिल हुई, विदेशी पिचों पर यह टीम फ्लॉप ही रही. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान में टैलेंट खत्म हो गया है? आखिर क्यों यह टीम हर फॉर्मेट में खराब प्रदर्शन कर रही है? इन सवालों के जवाब खोजें तो कुछ हद तक स्थिति साफ हो जाती है.

क्या पाकिस्तान में टैलेंट की कमी है?
पाकिस्तान में टैलेंट की कोई कमी नहीं है. पाकिस्तान सुपर लीग के लॉन्च होने के बाद से तो पाकिस्तान में टैलेंट की भरमार है. लेकिन इतना जरूर है कि पाकिस्तान क्रिकेट में टैलेंट को निखारने की कला खत्म हो गई है. यहां काबिल खिलाड़ी तो मिल जाते हैं लेकिन जिस तरह अन्य देशों में क्रिकेटर्स को बेहतर बनाने के लिए काम होता है और जो सुविधाएं होती हैं, पाकिस्तान में इनका अभाव है. यहां हाई परफॉर्मेंट सेंटर है. अलग-अलग विधाओं के लिए हर एज ग्रुप के लिए अच्छे कोच हैं लेकिन खिलाड़ियों, कोच और बोर्ड में यूनिटी और तालमेल की कमी अच्छे नतीजे नहीं दे पा रही.

कहां है कमी?
यहां क्रिकेट बोर्ड में राजनीति हावी है. नेशनल स्तर पर बोर्ड अधिकारियों से लेकर छोटे स्तर के ऑफिशियल्स भी राजनीति में उलझे रहते हैं. कुछ अच्छा होता है तो उसकी सराहना कम होती है लेकिन अगर एक छोटी सी गलती हो जाती है तो सब के सब टीम पर टूट पड़ते हैं. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड भी पाकिस्तान सरकार की तरह अस्थिर है. साल 2022 में रमीज राजा को हटाया जाना, पूरा टीम मैनजमेंट बदलना फिर साल 2023 में भी यह सब दोहराना. इन सब हरकतों से बोर्ड अंदरूनी राजनीति में ही उलझा रहता है और क्रिकेट की दिशा में सही और अच्छे फैसले लेने पर कम फोकस कर पाता है.

एक खराब टूर्नामेंट के बाद कप्तान बदलना और खिलाड़ियों से टकराव
बाबर आजम एक अच्छे कप्तान थे और उनकी कप्तानी में पाक टीम बेहतर कर भी रही थी लेकिन एक टूर्नामेंट खराब गया और उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया. चयनकर्ता से लेकर टीम डायरेक्टर तक सब बदल दिए गए. छोटे-छाटे मामलों पर बोर्ड और खिलाड़ी आमने-सामने भी आ जाते हैं. हारिस रऊफ के केस में चयनकर्ता वहाब रियाज की प्रेस कॉन्फ्रेंस चर्चा का विषय रही थी. कुल मिलाकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इस वक्त छोटे-छोटे मसले भी हल करने में सफल नहीं हो रहा है. यही कारण है कि टीम को हर फॉर्मेट में बैक टू बैक हार मिल रही है.

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