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जनवरी समाप्त होने वाला है और उसके बाद साल के दूसरे महीने फरवरी की शुरुआत हो जाएगी. हर साल की तरह इस बार भी कैलेंडर पर साल बदलते ही बजट की चर्चाएं तेज हो गई हैं और अभी सुर्खियों में हैं. इस बार का बजट आसन्न लोकसभा चुनावों के चलते भी महत्वपूर्ण है और लोगों को इसका बेसब्री से इंतजार है. लोगों को चुनावों के कारण सरकार से लोकलुभावन बजट की उम्मीद है. हालांकि बजट कैसा होगा और लोगों की उम्मीदें किस हद तक पूरी हो पाएंगी, ये सब अगले सप्ताह ही पता चल पाएगा, लेकिन कुछ बातें पहले से पता हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कई नए इतिहास को अपने नाम करने जा रही हैं, यह उन बातों में एक है.
अरुण जेटली के निधन से मिला मौका
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी दी गई. वित्त मंत्रालय हर सरकार में सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में एक माना जाता रहा है. इस कारण वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी अनुभवी नेताओं को दी जाती रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में वित्त मंत्रालय अनुभवी नेता अरुण जेटली संभाल रहे थे. उनके निधन के बाद यह जिम्मा खाली हो गया और मोदी सरकार ने साल 2019 में निर्मला सीतारमण पर भरोसा दिखाया.
2019 में मिली वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले से ही कई नायाब कीर्तिमान अपने नाम कर चुकी हैं. साल 2019 में जब उन्हें वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई, तो आजाद भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी महिला को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली. उन्होंने 2019 में ही अपना पहल बजट पेश किया और पहले बजट के साथ कुछ नए रिकॉर्ड भी बन गए.
इंदिरा गांधी के साथ दर्ज हुआ नाम
इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा था, जब कोई महिला वित्त मंत्री सरकार की ओर से बजट पेश कर रही थीं. उससे पहले 1970 में भी एक महिला के द्वारा बजट पेश किया गया था. वह बजट पेश किया था इंदिरा गांधी ने, जो उस समय प्रधानमंत्री थीं और जिनके पास वित्त मंत्रालय की भी जिम्मेदारी थी. कहने का मतलब यह कि इंदिरा गांधी ने फुल फ्लेज वित्त मंत्रालय को नहीं संभाला था. इस हिसाब से भी निर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बन जाती हैं.
पहले बजट में बदल दी ये परिपाटी
उनके वित्त मंत्रालय में आने के बाद कई बदलाव भी देखने को मिले. सबसे पहला बदलाव तो 2019 के बजट में ही दिख गया. जब वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण ने अपना पहला बजट पेश किया, ब्रीफकेस की दशकों पुरानी परिपाटी पर विराम लग गया. 2019 से पहले तक वित्त मंत्री ब्रीफकेस में बजट लेकर आया करते थे. निर्मला सीतारमण बही-खाते के रूप में बजट लेकर आईं. उसके बाद से लाल कपड़ों वाले बही-खाते में ही बजट आ रहा है, जिसके ऊपर राष्ट्रीय चिह्न बना रहता है.
पहली बार महिला के द्वारा अंतरिम बजट
उसके बाद से निर्मला सीतारमण ही लगातार वित्त मंत्रालय संभाल रही हैं और मोदी सरकार के सारे बजट पेश कर रही हैं. 2019 के बाद वह 2020, 2021, 2022 और 2023 में बजट पेश कर चुकी हैं. अब इस साल वह अपना छठा बजट पेश करने वाली हैं. इस साल आसन्न चुनावों के चलते यह अंतरिम बजट होगा. इस तरह निर्मला सीतारमण पहली बार अंतरिम बजट पेश करेंगी. इसके साथ ही इतिहास बनेगा कि पहली बार कोई महिला अंतरिम बजट पेश करेंगी.
इन दिग्गजों की कर चुकी हैं बराबरी
आजाद भारत के इतिहास में अब तक कुल 38 वित्त मंत्री हुए हैं. पहले वित्त मंत्री आरके शणमुखम चेट्टी बनाए गए थे और आजाद भारत के पहले बजट का श्रेय भी उनको ही जाता है. मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अब तक पांच बजट पेश कर चुकी हैं. आजादी के समय से अब तक के इतिहास में ऐसे कम ही वित्त मंत्री हुए हैं, जिन्हें पांच-पांच बजट पेश करने का मौका मिला है. निर्मला सीतारमण के अलावा मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी चिदंबरम और यशवंत सिन्हा ही ऐसे वित्त मंत्री हुए हैं, जिन्होंने पांच बार बजट पेश किया है.
मोरारजी देसाई की करेंगी बराबरी
यह निर्मला सीतारमण का छठा बजट होगा और इस तरह वह ऐसा करने वाली दूसरी वित्त मंत्री बन जाएंगी. अभी सबसे ज्यादा छह बजट पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम है. मोरारजी देसाई ने पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था. इस बार का बजट पेश करते ही निर्मला सीतारमण मोरारजी देसाई की बराबरी कर लेंगी.
सबसे लंबा बजट भाषण
निर्मला सीतारमण के नाम इसके अलावा भी बजट से जुड़े कुछ रिकॉर्ड दर्ज है. उनके नाम भारत के इतिहास में सबसे लंबा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड है. यह रिकॉर्ड उन्होंने 2020 में बनाया था, जो उनका दूसरा बट था. उस साल निर्मला सीतारमण ने 2 घंटे 42 मिनट का बजट भाषण दिया था. इस तरह उन्होंने एक साल पुराने अपने ही रिकॉर्ड को और बेहतर बना दिया था. एक साल पहले 2019 में उन्होंने 2 घंटे 7 मिनट लंबा रिकॉर्ड बजट भाषण दिया था.
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