नोएल टाटा कैसे चुने गए रतन टाटा के नए उत्तराधिकारी? जानें टाटा ट्रस्ट बैठक की इनसाइड स्टोरी

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Noel Tata Update: देश के रत्न, रतन टाटा के निधन के बाद सबसे बड़ा सवाल था की टाटा ट्रस्ट के जिस पद को 1991 से रतन टाटा सुशोभित कर रहे थे उस पद पर कौन बैठेगा? कौन होगा उत्तराधिकारी जो रतन टाटा के इंसान और इंसानियत की मूल भावना पर खरा उतरेगा? रतन टाटा के अंतिम संस्कार के 24 घंटे के भीतर ही उनका उत्तराधिकारी चुन लिया गया. दरअसल इसके पीछे भी रतन टाटा का ही दिया गया मूल मंत्र है कीप मूविंग (Keep moving) यानी आगे बढ़ते रहो.  

पहले रतन टाटा को दी गई श्रद्धांजलि

शुक्रवार 11 अक्टूबर, 2024 की सुबह 11 बजे टाटा ट्रस्ट बोर्ड की बैठक बुलाई गई. इस बैठक को मीडिया और बाहरी प्रभावों से दूर बॉम्बे हाउस (टाटा ट्रस्ट दफ्तर) से अलग मुंबई के कफ परेड के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के A टावर  में 26 वे मंजिल पर स्थित टाटा के एक दफ्तर में बुलाया गया. इस बैठक में टाटा ट्रस्ट बोर्ड के सभी सदस्य मौजूद थे. सबसे पहले रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी गई. श्रद्धांजलि सभा में रतन टाटा के जीवनी के प्रसंग भी बोर्ड सदस्यों ने साझा किया.  

बैठक में कौन कौन थे मौजूद? 

नोएल टाटा – रतन टाटा के सौतेले भाई. वे टाटा संस के बोर्ड में नहीं हैं, लेकिन ट्रेंट और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के बोर्ड की अध्यक्षता करते हैं. 

जिमी एन टाटा – रतन टाटा के छोटे भाई है. उम्र दराज है. लो प्रोफाइल रहते है. 

वेणु श्रीनिवासन – टाटा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष है. सुंदरम क्लेटन लिमिटेड और टीवीएस मोटर कंपनी के मानद अध्यक्ष हैं. वह टाटा संस के बोर्ड में भी हैं और टाटा संस बोर्ड में टाटा ट्रस्ट का प्रतिनिधित्व करते हैं. 

विजय सिंह- टाटा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष, पूर्व IAS हैं. वह ट्रस्ट के प्रतिनिधि के रूप में टाटा संस के बोर्ड में भी हैं. 

मेहली मिस्त्री: देश के एक नामी व्यवसायी है. मिस्त्री अक्टूबर 2022 में टाटा ट्रस्ट में शामिल हुए और एम पलोनजी ग्रुप ऑफ कंपनीज चलाते हैं. मिस्त्री रतन टाटा के करीबी विश्वासपात्र माने जाते थे. 

जहांगीर एच.सी. जहांगीर-  पुणे के व्यवसायी जहांगीर एक अस्पताल चलाते हैं. वे 2022 में टाटा ट्रस्ट में शामिल हुए. 

डेरियस खंबाटा: मुंबई में वरिष्ठ अधिवक्ता है. खंबाटा मुंबई के कानूनी हलकों में प्रसिद्ध हैं, उन्होंने कई मामलों में टाटा का प्रतिनिधित्व किया है. 

प्रमित झावेरी: सिटी इंडिया के पूर्व सीईओ, प्रमित बैंक से रिटायर होने के फौरन बाद टाटा ट्रस्ट में शामिल हो गए. 

वेणु श्रीनिवासन ने नोएल टाटा के नाम का रखा प्रस्ताव

श्रद्धांजलि सभा के बाद टाटा ट्रस्ट बोर्ड की बैठक की शुरुआत हुई. रतन टाटा, टाटा ट्रस्ट के नाम क्या छोड़कर गए इसकी जानकारी साझा की गई. टाटा ट्रस्ट बोर्ड की बैठक शुरू हने से पहले नोएल टाटा, डेरियस खंबाटा और मेहली मिस्त्री को चेयरमैन पद के लिए रेस में माना जा रहा था. पर टाटा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष वेणु श्रीनिवासन ने प्रस्ताव रखा की नोएल टाटा पद के लिए सही उत्तराधिकारी है. इस पर एकमत से सभी ने सहमति जताई. बैठक में टाटा ट्रस्ट की बोर्ड मीटिंग में एकमत से बैठक में लिया गया और  टाटा ट्रस्ट चेयरमैन पद के लिए नोएल टाटा के नाम पर मुहर लग गई. ये तय हो गया की नोएल टाटा, रतन टाटा की जगह लेंगे. रतन टाटा मार्च 1991 से टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन थे. 

नोएल टाटा ऐसे बने टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन 

नोएल टाटा को बोर्ड के सदस्यों में शुभकामना दी. नोएल ने रतन टाटा पर एक भावुक भाषण दिया और बड़ी जिम्मेदारी निभाने और आगे बढ़ते रहने का संदेश दिया. टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन के रूप में नोएल टाटा की नियुक्ति की गई, नोएल अब टाटा समूह के दो सबसे महत्वपूर्ण चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख बन गए हैं. नोएल टाटा ट्रस्ट के 11वें अध्यक्ष बने हैं. सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के छठे अध्यक्ष बने हैं. सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट, ये दोनों ट्रस्ट्स मिलकर टाटा संस, जो टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है उसमें 66% हिस्सेदारी है. टाटा ट्रस्ट्स भारत के सबसे बड़े पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट में से एक है, जिसने  वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान लगभग 470 करोड़ रुपये का दान के तौर पर योगदान दिया था. 

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