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Navratri 2023: नवरात्रि के 9 दिन देवी मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. आज शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन है. इस दिन को दुर्गा महानवमी भी कहा जाता है. शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री देवी को समर्पित होता है. मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों के अंधकार को दूर कर उनके जीवन में प्रकाश लेकर आती हैं. ज्योतिष के अनुसार इस बार 23 अक्टूबर को दिन में 2 बजकर 58 मिनट तक नवमी तिथि रहेगी. इसके बाद से दशमी तिथि लग जाएगी. नवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 58 मिनट तक ही है.
नवरात्रि के नौवें दिन का महत्व
महा नवमी नवरात्रि का आखिरी दिन होता है. इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से समस्त सिद्धियों का ज्ञान प्राप्त होता है. इनकी पूजा करने से बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है. नवरात्रि के नौवे दिन मां की पूजा के बाद हवन किया जाता है. जो लोग अष्टमी का व्रत रखते हैं वो लोग इस दिन कन्या पूजन भी करते हैं और इसके बाद ही नवरात्रि व्रत का पारण करते हैं. इस दिन पूजा में मां को नौ कमल के फूल लाल कपड़े में रखकर अर्पित करना चाहिए. पूजा में चौमुखी घी का दीपक जलाना चाहिए, कन्या पूजन के बाद उन्हे उपहार देकर विदा करना चाहिए. ऐसा करने से 9 दिन की पूजा सफल मानी जाती है और परिवार को सुख, शांति और सौभाग्य आता है.
महानवमी की पूजा विधि
महानवमी नवरात्रि की आखिरी तिथि होती है. इस दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा-अर्चना और पाठ करने का महत्व होता है. महानवमी तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करके पूजा का संकल्प लेना चाहिए.पूजा स्थल पर देवी सिद्धिदात्री की प्रतिमा को स्थापित करें. अगर आपके पास देवी सिद्धिदात्री की प्रतिमा नहीं तो देवी दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित करके पूजा आरंभ करें. पूजा की शुरुआत सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा से करनी चाहिए. नवग्रह को फूल अर्पित करें. इसके बाद देवी को धूप, दीप, फल, फूल, भोग और नवैद्य अर्पित करें. दुर्गा सप्तशती का पाठ और मां दुर्गा और सिद्धिदात्री से जुड़े मंत्रों का जाप करना चाहिए. अंत में मां की आरती करें और कन्या पूजन के बाद उन्हें उपहार देकर विदा करें.
मां सिद्धिदात्री का पूजा मंत्र
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी.
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