‘दो मैचों की सीरीज का कोई मतलब नहीं…’, भारत-दक्षिण अफ्रीका का उदाहरण देकर बोले क्लाइव लॉयड

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Clive Lloyd On Test Cricket: मौजूदा वक्त में टी20 क्रिकेट की लोकप्रियता को देखते हुए ज्यादातर देश अब इस फॉर्मेट पर ही फोकस कर रहे हैं. क्रिकेट का प्रारंभिक फॉर्मेट यानी टेस्ट क्रिकेट कम और सीमित ओवर की क्रिकेट अब ज्यादा होने लगी है. इसी को लेकर वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज व कप्तान क्लाइव लॉयड ने चिंता ज़ाहिर की है. क्लाइव लॉयड का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट में दो मैचों की सीरीज का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने इसके लिए भारत-दक्षिण अफ्रीका सीरीज का उदाहरण दिया. 

अपने दौर के महान क्रिकेटर रहे क्लाइव लॉयड चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर में ज्यादा से ज्यादा टेस्ट क्रिकेट खेला जाना चाहिए और उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय सीरीज में कम से कम तीन टेस्ट मैच होने चाहिए. वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान ने कहा, “इस समय शायद ज्यादा टी20 खेले जा रहे हैं. मैं थोड़ा और टेस्ट क्रिकेट देखना चाहूंगा, और अगर आप टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हैं तो मैं तीन या पांच टेस्ट मैच की सीरीज देखना पसंद करूंगा.”

उन्होंने आगे कहा, “मुझे नहीं लगता कि वेस्टइंडीज को दो टेस्ट मैच के लिए 12,000 मील दूर ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करनी चाहिए. और इसका कोई मतलब नहीं है. जैसा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका सीरीज में हुआ (जिसमें दो टेस्ट मैच की सीरीज खेली गयी और यह 1-1 से बराबर रही), अगर तीसरा टेस्ट भी होता तो पता चलता कि दोनों टीमों में से बेहतर टीम कौन सी है.”

1-1 से ड्रॉ रही थी भारत-दक्षिण अफ्रीका सीरीज

गौरतलब है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेली गई दो मैचों की टेस्ट सीरीज 1-1 से ड्रॉ रही थी. पहला टेस्ट मैच दक्षिण अफ्रीका ने जीता था तो दूसरा टेस्ट मैच टीम इंडिया ने जीता था. अब वेस्टइंडीज की टीम भी दो मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया जा रही है. हालांकि, कैरेबियाई टीम इस दौरे पर दो टेस्ट के अलावा तीन वनडे और तीन टी20 भी खेलेगी. 

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