देश के इस राज्य में लगातार बढ़ रहे नर्सरी में ही स्कूल छोड़ने वाले बच्चे, इकॉनमिक सर्वे में सामने आई हकीकत

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<p style="text-align: justify;">देश के पूर्वोत्तर राज्य असम में राज्य सरकार की ओर से संचालित प्राइमरी स्कूलों में स्टूडेंट्स के ड्रॉपआउट का सिलसिला लगातार कई साल से बढ़ रहा है. यह बात असम के लेटेस्ट इकॉनमिक सर्वे में सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे हालात तब हैं, जब राज्य सरकार की ओर से स्थिति को सुधारने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं. साल 2023-24 के लिए हुए असम के इकॉनमिक सर्वे में कहा गया कि राज्य द्वारा संचालित लोअर प्राइमरी स्कूलों में औसतन एनुअल ड्रॉपआउट रेट साल 2022-23 के दौरान 8.49 फीसदी था.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>लगातार बढ़ रहा ड्रॉपआउट रेट</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफार्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (UDISE) के आंकड़ों की मानें तो साल 2018-19 के दौरान लोअर प्राइमरी स्कूलों में ड्रॉपआउट रेट 3.1 पर्सेंट था, जो 2019-20 में बढ़कर 4.3 फीसदी हो गया और 2021-22 में 6.02 पर्सेंट पहुंच गया. रिपोर्ट के मुताबिक, अपर प्राइमरी स्कूलों की बात करें तो यहां साल 2021-22 के दौरान ड्रॉप आउट रेट 8.81 पर्सेंट था, जो 2022-23 में बढ़कर 10.33 पर्सेंट हो गया. इकॉनमिक सर्वे के मुताबिक, राज्य में प्राइमरी से अपर प्राइमरी स्कूलों में पहुंचने वाले बच्चों का रेश्यो 89.7 पर्सेंट है.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>किस इलाके में सबसे ज्यादा ड्रॉप आउट रेट?</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">लोअर प्राइमरी स्कूलों की बात करें तो सबसे ज्यादा ड्रॉप आउट रेट साउथ सालमरा में दर्ज किया गया. यहां पिछले वित्तीय वर्ष में 22.52 पर्सेंट ड्रॉपआउट दर्ज किया गया. इसके बाद दूसरे नंबर पर करीमगंज है, जहां 14.54 पर्सेंट ड्रॉपआउट रहा. सबसे कम ड्रॉपआउट रेट की बात करें तो यह शिवसागर में महज 4.02 फीसदी दर्ज किया गया. अपर प्राइमरी लेवल पर भी साल 2022-23 के दौरान सबसे ज्यादा ड्रॉपआउट रेट 32.39 फीसदी साउथ सालमरा जिले में रहा, जबकि सबसे कम ड्रॉपआउट रेट 4.03 फीसदी शिवसागर में दर्ज हुआ.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>असम में कितने प्राइमरी स्कूल?</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">गौरतलब है कि असम में 33,937 सरकारी और प्रांतीय लोअर प्राइमरी स्कूल हैं. इनमें 32,860 स्कूल ग्रामीण इलाकों में हैं, जबकि 1077 स्कूल शहरी एरिया में हैं. राज्य में कुल 5815 अपर प्राइमरी स्कूल हैं, जिनमें 5511 रूरल एरिया और 294 अर्बन एरिया में हैं. इकॉनमिक सर्वे के मुताबिक, भले ही असम में ड्रॉपआउट रेट लगातार बढ़ रहा है, लेकिन ग्रॉस एनरोलमेंट रेश्यो (GER) में हर साल इजाफा हो रहा है. कक्षा एक से आठवीं के GER की बात करें तो साल 2019-20 में यह 107.4 फीसदी था, जो 2020-21 में घटकर 104.5 फीसदी रह गया, लेकिन 2021-22 के दौरान GER में इजाफा हुआ और यह बढ़कर 109.8 पर्सेंट हो गया.</p>
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