त्योहारी सीजन से पहले महंगाई की मार, एक महीने में 27 फीसदी बढ़े सरसों तेल के दाम

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Edible Oil Prices: त्योहारी सीजन से पहले खाने के तेल के दामों में जोरदार उछाल ने लोगों के किचन के बजट को बिगाड़ दिया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक महीने में सरसों तेल के दामों में 9.10 फीसदी और पाम ऑयल के दामों में 14.16 फीसदी का उछाल आया है. वहीं रिटेल मार्केट और ऑनलाइन ग्रॉसरी कंपनियों के पोर्टल पर सरसों तेल के दामों में 26 फीसदी की बढ़ोतरी आ चुकी है.  

ऑनलाइन स्टोर्स पर 26 फीसदी तक बढ़े दाम  

ऑनलाइन ग्रॉसरी पोर्टल पर एक महीने पहले सरसों तेल 139 रुपये प्रति किलो में मिल रहा था जिसकी कीमत 176 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंची है. यानि पिछले एक महीने में कीमतों में 26.61 फीसदी का उछाल आ चुका है. देश में खाने के तेल के तौर पर सबसे ज्यादा सरसों तेल का इस्तेमाल किया जाता है. 

सरकारी डेटा भी महंगे खाने के तेल की कर रहे तस्दीक

सरकारी आंकड़ें भी खाने के तेल के दामों में बढ़ोतरी की बात की तस्दीक कर रहे हैं. डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के प्राइस मॉनिटरिंग डिविजन के मुताबिक एक महीने पहले 25 अगस्त 2024 को जो सरसों तेल 139.19 रुपये प्रति किलो में मिल रहा था वो अब 151.85 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है. मुंबई में सरसों तेल 183 रुपये, दिल्ली में 165 रुपये कोलकाता में 181 रुपये, चेन्नई में 167 रुपये और रांची में 163 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है. 

सरसों तेल के अलावा बाकी खाने के तेल के दामों में भी बढ़ोतरी आई है. सनफ्लावर ऑयल एक महीने पहले 119.38 रुपये प्रति किलो में मिल रहा था वो 129.88 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है. पाम ऑयल एक महीने पहले 98.28 रुपये प्रति किलो में मिल रहा था वो अब 112.2 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है. सोया ऑयल की कीमतें भी एक महीने में 117.45 रुपये से बढ़कर 127.62 रुपये किलो हो गई है. वनस्पति की कीमत 122.04 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 129.04 रुपये प्रति किलो हो गई है. 

क्यों बढ़ रही कीमत? 

खाने के तेलों में उछाल की वजह है केंद्र सरकार का वो फैसला जिसमें खाद्य तेलों के इंपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी कर दी गई है जिससे खाने का तेल आयात करना महंगा हो गया है. सरकार ने क्रूड सोयाबीन ऑयल, क्रूड पाम ऑयल और क्रूड सनफ्लावर ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी को शून्य से बढ़ाकर 20 फीसदी और खाने के तेलों पर 12.5 फीसदी से बढ़ाकर 32.5 फीसदी कर दिया है. सरकार के इस फैसले के चलते पाम आयल से लेकर सोया, सरसों सभी प्रकार के खाने के तेल महंगे हुए हैं. सरकार ने खाने के तेल के इंपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी घरेलू किसानों के हितों की रक्षा के लिए किया गया है. हालांकि इसका असर खाने के तेल के इस्तेमाल करने वालों की जेब पर पड़ने लगा है. 

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