त्योहारी सीजन और चुनावों के मद्देनजर महंगे प्याज ने बढ़ाई सरकार की चिंता

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Onion Price Hike: त्योहारी सीजन और राज्यों में विधानसभा चुनावों के दौरान प्याज की बढ़ती कीमतें लोगों के आखों से आंसू निकाल रही है. तो महंगे प्याज ने सरकार को परेशान कर दिया है. ऐसे में केंद्र सरकार ने अपने बफर स्टॉक से प्याज बेचकर कीमतों पर काबू करने में जुट गई है. सरकार ने पिछले दिनों प्याज के एक्सपोर्ट पर ड्यूटी को हटा लिया था जिसके बाद से कीमतों में तेजी देखी जा रही है. 

उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों के थोक बाजारों में अपने बफर स्टॉक से प्याज बेच रही है. इसके अलावा सरकार पूरे देश में सब्सिडी वाले रेट रिटेल मार्केट में प्याज बेचेगी जिससे आम लोगों को महंगे प्याज से राहत दिलाई जा सके. केंद्र सरकार 35 रुपये प्रति किलो में पूरे देश में प्याज बेचने की योजना बना रही है. खासतौर से उन शहरों में ज्यादा प्याज बेचा जाएगा जहां कीमतें ज्यादा बढ़ी है. निधि खरे के मुताबिक, एक्सपोर्ट ड्यूटी के हटने के बाद से सरकार को कीमतों में उछाल का अनुमान था. उन्होंने बताया कि सरकार के 4.7 लाख टन के बफर स्टॉक और खरीफ फसल की ज्यादा बुवाई के चलते हमें उम्मीद है कि प्याज की कीमतें काबू में रहेंगीं. 

सरकारी डेटा के मुताबिक 22 सितंबर को दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 55 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो एक साल पहले की समान अवधि में 38 रुपये प्रति किलो थी. हालांकि कई जगहों पर प्याज की रिटेल मार्केट में 70 रुपये प्रति किलो भी प्याज बिक रही है. मुंबई  58 रुपये और चेन्नई में 60 रुपये प्रति किलो तक कीमतें पहुंच चुकी है. 

सरकार दिल्ली और अन्य राज्यों की राजधानी में मोबाइल वैन, एनसीसीएफ और नेफेड की दुकानों के जरिये पांच सितंबर से 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज बेच रही है. उपभोक्ता मामलों के सचिव ने बताया कि खरीफ प्याज की फसल से काफी उम्मीदें हैं.  पिछले साल की तुलना में ज्यादा बुवाई हुई है. उन्होंने कहा, अगले महीने से सप्लाई शुरू हो जाएगी. 

उपभोक्ता मामलों के सचिव ने खाद्य तेलों के इंपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी के बाद से खाने के तेल के दामों में बढ़ोतरी की बात को स्वीकार किया लेकिन कहा कि सरकार ने ये फैसला घरेलू किसानों को ध्यान में रखने हुए उठाया है. निधि खरे ने अरहर और उड़द उत्पादन के अच्छे रहने और दालों के आयात में बढ़ोतरी के साथ आने वाले महीनों में दालों की कीमतों में स्थिरता की उम्मीद जताई है. 

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