डायबिटीज के एक तिहाई मरीजों को फाइब्रोसिस का रिस्क, स्टडी में सामने आई चौंकाने वाली बात

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Diabetes Risk: डायबिटीज (diabetes)तेजी से बढ़ती ऐसी बीमारी है जो लाइफस्टाइल से जुड़ी है और इसके कई गंभीर परिणाम निकलते हैं. हाल ही में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हुई एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि डायबिटीज से पीड़ित करीब एक तिहाई मरीजों के लिवर में फाइब्रोसिस (liver fibrosis) का रिस्क बढ़ जाता है. अस्पताल के डॉक्टरों ने डायबिटीज के मरीजों के फाइब्रोसिस स्कोर टूल की जांच के बाद ये बात कही है. 

 

डायबिटीज के मरीजों में लिवर फाइब्रोसिस का रिस्क  

इस संबंध में करवाई गई जांच के दौरान देखा गया कि जिन मरीजों का शुगर लेवल नियंत्रित नहीं था, उनके शरीर में लिवर फाइब्रोसिस का रिस्क अधिक था. जांच के दौरान ये बात सामने आई कि कुल डायबिटीज मरीजों में करीब तीस फीसदी मरीजों के शरीर में फाइब्रोसिस का मिड रिस्क था. इनमे करीब पांच फीसदी मरीज लिवर फाइब्रोसिस के हाई लेवल रिस्क की जद में थे. आपको बता दें कि लिवर फाइब्रोसिस उस स्थिति को कहते हैं जब लिवर को नुकसान होना शुरू होता है. ये लिवर की बीमारी की पहली स्टेज कही जाती है. इस मेडिकल कंडीशन में लिवर के स्वस्थ ऊतकों पर कई तरह के घाव बन जाते हैं जो धीरे धीरे लिवर को खराब करना शुरू कर देते हैं. 

 

जानिए क्या है लिवर फाइब्रोसिस    

लिवर फाइब्रोसिस में लिवर सही से काम नहीं करता और इसके घाव वाले ऊतक लिवर के अंदर ब्लड फ्लो को डिस्टर्ब करते हैं. इस वजह से लिवर की कोशिकाएं खराब होने लगती है और लिवर की बीमारी हो जाती है. डॉक्टर कहते हैं कि अगर लिवर फाइब्रोसिस पर ध्यान ना दिया जाए तो ये लिवर सिरोसिस में बदल सकता है जिसमें लिवर पूरी तरह खराब हो जाता है. लिवर सिरोसिस जानलेवा बीमारी है. लेकिन अगर लिवर फाइब्रोसिस पर ध्यान दिया जाए तो इसका उपचार हो सकता है और मरीज लिवर सिरोसिस की चपेट में आने से बच सकता है. ऐसे में जरूरी है कि खासतौर पर डायबिटीज के मरीजों के फाइब्रोसिस स्कोर टूल की नियमित जांच की जाए.

 

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