ट्रेन टिकट कैंसल करने में हो गया धोखा, केरल के इस इंसान ने गंवा दिए 4 लाख, जानें बचने का उपाय



<p>भारत में हर रोज लोग बड़ी संख्या में ट्रेन से यात्रा करते हैं. कई बार लोग प्लान बदल जाने या अन्य कारणों से टिकट को कैंसल करते हैं. अगर थोड़ी सी लापरवाही हुई तो पैसे बचाने की यह कवायद आपको भी भारी पड़ सकती है और रिफंड के बदले में आपकी गाढ़ी कमाई डूब सकती है. केरल के एक इंसान के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है.</p>
<h3>इस तरह से जाल में फंसे बशीर</h3>
<p>बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, केरल के रहने वाले 78 वर्षीय एम मोहम्मद बशीर ट्रेन टिकट कैंसल करने के प्रयास में साइबर अपराधियों के शिकार हो गए और उनके बैंक अकाउंट से 4 लाख रुपये से ज्यादा उड़ा लिए गए. बशीर ट्रैवल प्लान बदलने के बाद अपना ट्रेन टिकट कैंसल करने का प्रयास कर रहे थे और इसी क्रम में वह साइबर अपराधियों के बिछाए जाल में फंस गए.</p>
<h3>रेलवे अधिकारी बनकर किया कॉल</h3>
<p>मामले की जांच में पता चला कि जब बशीर अपना ट्रेन टिकट कैंसल करने का प्रयास कर रहे थे, उन्हें एक कॉल आया, जिसमें सामने वाला खुद को रेलवे का अधिकारी बता रहा था. वह अंग्रेजी और हिन्दी दोनों में धाराप्रवाह बोल रहा था. इससे बशीर को लगा कि सामने वाला वाकई में रेलवे का अधिकारी है. बशीर को झांसे में लेने के बाद सामने वाले व्यक्ति ने उन्हें एक ऐप डाउनलोड करने को कहा.</p>
<h3>इस ऐप से हुई साइबर ठगी</h3>
<p>बशीर ने ज्यादा दिमाग नहीं लगाया और उसके बताए अनुसार ऐप को डाउनलोड कर लिया. जांच के मुताबिक बशीर ने रेस्ट डेस्क नाम का ऐप डाउनलोड किया था, जिससे उनके मोबाइल का पूरा एक्सेस साइबर अपराधियों के पास चला गया. फिर क्या था… बशीर का ट्रेन टिकट तो कैंसल नहीं हुआ, लेकिन उनके बैंक अकाउंट से 4 लाख रुपये से ज्यादा निकाल लिए गए.</p>
<h3>बंगाल-बिहार के अपराधियों पर शक</h3>
<p>अधिकारियों के अनुसार, साइबर अपराधियों ने बशीर के खाते से चार बार में पैसे निकाले. उनके खाते से कोलकाता में कुल 4,05,919 रुपये निकाले गए. जांच अधिकारियों को शक है कि यह काम पश्चिम बंगाल और बिहार के साइबर अपराधियों का है.</p>
<h3>इस तरह से करें अपना बचाव</h3>
<p>इस तरह की ठगी का शिकार आप भी हो सकते हैं. इससे बचने के लिए आपको कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है. कभी भी ट्रेन टिकट बुक या कैंसल करने के लिए अनाधिकृत वेबसाइट या ऐप का यूज न करें. साइबर अपराधी आईआरसीटीसी के पोर्टल से मिलता-जुलता पोर्टल बना लेते हैं, जो दिखने में लगभग ऑरिजिनल जैसा होता है. इस कारण वेबसाइट को ध्यान से खोलें और पहले यूआरएल जरूर चेक करें. एक और बात का ध्यान रखें कि रेलवे या आईआरसीटीसी की ओर से टिकट बुकिंग या कैंसिलेशन के लिए यात्रियों को फोन नहीं किया जाता है.</p>
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