ट्रेडर्स फेडरेशन ने वित्त मंत्री से की बड़ी मांग, जीएसटी कानून का हो सरलीकरण

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Budget 2024: एक हफ्ते बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी. उससे पहले व्यापरियों की संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने वित्त मंत्री से जीएसटी को एक सरलीकृत प्रणाली बनाने के लिए जीएसटी कानून के समीक्षा किए जाने की मांग की है. कैट ने वित्त मंत्री से ऐसा जीएसटी कानून बनाने की मांग की है जिससे देश का व्यापारी सरलता के साथ कानून का पालन कर सके. कैट ने कहा कि, मौजूदा जीएसटी कर प्रणाली काफी जटिल है जिसे सरल किए जाने की आवश्यकता है जिससे जीएसटी का कर दायरा बढ़े और केंद्र राज्य सरकारों को ज्यादा जीएसटी के रूप में ज्यादा टैक्स मिल सके. कैट ने हर जिला स्तर पर अधिकारियों और व्यापारियों की एक जीएसटी कोआर्डिनेशन कमेटी बनाये जाने की मांग की है जिससे आपसी समन्वय से बढ़ाया जा सके. 

व्यापारियों के मांगों की फेहरिस्त पर कहा कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने व्यापारियों के लिए कंपनियों के समान ही आयकर का एक विशेष स्लैब बनाये जाने की मांग की है. उन्होंने व्यापार को प्रभावित करने वाले सभी कानूनों की समीक्षा करने के साथ अप्रासंगिक हो चुके कानूनों के खत्म किए जाने की मांग की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक देश – एक कानून के विजन का समर्थन करते हुए व्यापारियों के संगठन ने केवल एक लाइसेंस प्रणाली घोषित किए जाने की मांग की है जिससे जटिल लाइसेंस सिस्टम को सरल किया जा सके. 

कैट ने वित्त मंत्री से ई कॉमर्स पालिसी और नेशनल रिटेल ट्रेड पालिसी को लागू करने की मांग की है. अपनी मांगों की फेहरिस्त में कैट ने व्यापारियों को बैंकों से कम ब्याज दरों पर आसानी से कर्ज उपलब्ध कराने की योजना घोषित किए जाने की मांग की है. साथ ही व्यापारियों को पेंशन देने की मौजूदा स्कीम में संशोधन कपने को कहा है. कैट ने हर राज्य की राजधानी में होलसेल कारोबार के लिए एक स्पेशल ट्रेड जोन बनाये जाने की मांग की है  जहां सरकार एक विंडो स्थापित करे जिससे सभी प्रकार की सरकारी प्रक्रिया एक ही सिंगल विंडो से पूरी की जा सके. कैट ने टेक्सटाइल, खिलौने, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल, ऑटो पार्ट्स, हार्डवेयर, ज्वेलरी, रेडीमेड गारमेंट्स जैसे अलग-अलग व्यापार के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स बनाने की भी वित्त मंत्री से गुजारिश की है जिससे इन वस्तुओं के निर्यात को बढ़ाया जा सके. 

कैट ने कहा कि चेक बाउंस होना व्यापारियों की बहुत बड़ी समस्या है, इसलिए चेक बाउंस के मामलों के शीघ्र निपटान के लिये प्रत्येक जिला स्तर कर एक रिकवरी ट्रिब्यूनल या लोक अदालत गठित की जायें जिसमें 45 दिनों में ऐसे मामले निबटाये जायें. कैट ने यह भी आग्रह किया है कि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए क्रेडिट डेबिट कार्ड पर लगने वाले बैंक शुल्क को सरकार सीधे बैंकों को सब्सिडी दे ताकि व्यापारियों और उपभोक्ताओं पर बैंक शुल्क देने की जिम्मेवारी न हो वहीं. कैट ने डिजिटल पेमेंट प्रमोशन बोर्ड गठन  करने की भी मांग की है. 

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