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<p style="text-align: justify;">केरल का एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति लिंग परिवर्तन सर्जरी के बाद संरक्षित अंडाणु का उपयोग करके पिता बन गया है. पिता की पत्नी ने एक बच्चे को जन्म देने के लिए जमे हुए अंडे और दाता शुक्राणु का उपयोग किया. जो प्रजनन उपचार में एक सफलता का प्रतीक है. यह कहानी उन ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आशा देती है जो अपने डीएनए से बच्चे पैदा करना चाहते हैं. भारत में पहली ऐसी सफलता है हाथ लगी है कि जहां पर एक ट्रांसजेडर व्यक्ति ने बच्चे को जन्म दिया है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>जेंडर रीअसाइनमेंट सर्जरी</strong></p>
<p style="text-align: justify;">साल 2021 में ट्रांसजेंडर पर्सन ने रेनाई मेडिसिटी में<strong> जेंडर रीअसाइनमेंट सर्जरी</strong> के लिए अप्रोच किया था. साथ ही उसी वक्त उन्होंने अपने एग्स को प्रीजर्व करने की बात कही थी. महिला ने पुरुष रिअसाईमेंट सर्जरी करवाई थी. इस सर्जरी के बाद पुरुष ने कानूनी तौर पर एक महिला से शादी की. जिसके बाद वह अपना खुद का बच्चा चाहती थी. जिसके कारण उन्होंने पहले से ही एग्स को प्रीजर्व करवा दिया था. बाद में एंब्रायो को अच्छे से महिला में ट्रांसप्लांट किया गया. इसी का नतीजा है कि दिसंबर महिने में कपल ने 2.8 किलो के बच्चे को जन्म दिया . </p>
<p style="text-align: justify;">फर्टिलिटी स्पेशियलिस्ट डॉ. जीशा वर्गीज (Dr Jisha Varghese) के मुताबिक यह ऐसा पहला मामला है जब ट्रांसजेंडर पिता अपने ही प्रिजर्व ओवा से पिता बना है. इस पूरी स्थिति की देखरेख के लिए एक खास टीम का चयन किया गया था. कॉम्पलेक्स फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन ट्रीटमेंट (Complex Fertility Preservation Treatment)में बाद में प्रेग्नेंसी के लिए ओवा, एम्ब्रयो और स्पर्म को फ्रीज करना शामिल था. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कुछ ऐसा होता है ट्रांसजेंडर के पैरेंट्स बनने का सफर</strong></p>
<p style="text-align: justify;">ट्रांसजेंडर भी अब अपने खून को अपने गोद में खेला पाएंगे. यह किसी सपने को पूरा होने जैसा है. कोच्चि के रेनाई मेडिसिटी ने शानदार कारनामा कर दिखाया है. पूरी फर्टिलिटी प्रीजर्व प्रोसेस से एक ट्रांसइजेंडर अपने बच्चे को गोद में खेला सकते हैं. इसके लिए एग्स, एंब्रॉज और स्पर्म फ्रीज करना होगा. जो फ्रीज किए हुए एंब्रोज हैं उन्हें पत्नी के वुम्ब में अच्छे तरीके से ट्रांसप्लांट करना होगा. यह कहानी उन ट्रांसजेंडर व्यक्ति को प्रेरणा देती है जो अपने खून और डीएनए से बच्चे पैदा करना चाहते हैं. </p>
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