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मेष संक्रांति को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. साल में कुल 12 संक्रांति होती है. उनमें से एक है मेष संक्रांति. मेष संक्रांति बैसाखी के दिन पड़ती है, अमुमन 13 या 14 अप्रैल के दिन बैसाखी के पर्व के दिन मेष संक्रांति पड़ती है.
इस दिन सूर्य मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करते हैं. इस दिन से खरमास का भी अंत होता है. सूर्य जब गुरू की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो खरमास लग जाता है. खरमास को शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए शुभ नहीं माना जाता है.
13 अप्रैल 2024, शनिवार को रात 9:15 मिनट पर सूर्य मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे. मेष संक्रान्ति को महा विशुव संक्रान्ति के नाम से भी जाना जाता है. मेष संक्रान्ति के दिन से बहुत से हिंदू सौर कैलेण्डरों में नववर्ष का आरम्भ होता है.
मेष संक्रांति को आप गेहूं, लाल वस्त्र, लाल चंदन, काला तिल, लाल फूल, तांबे के बर्तन आदि का दान कर सकते हैं.
मेष संक्रांति को दान के लिए बहुत शुभ माना जाता है. मेष संक्रांति के दिन स्नान के बाद आपको सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए. उसके बाद सूर्य देव से जुड़ी वस्तुओं का दान करना चाहिए.
Published at : 11 Apr 2024 12:42 PM (IST)
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