चतुर्दशी श्राद्ध पर भूल से भी न करें ये एक गलती, मुसीबतों से घिर जाएगा जीवन

[ad_1]

Pitru Paksha 2023 Ghayal Chaturdashi 2023: पितृ पक्ष खत्म होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. श्राद्ध के 16 दिन पितरों के प्रति  श्रद्धा दिखाने का समय होता है, इस दौरान किया गया तर्पण, पिंडदान पूरे परिवार को खुशहाली प्रदान करता है. पितृ पक्ष में आने वाली अमावस्या यानि सर्वपितृ अमावस्या और इससे एक दिन पहले चतुर्दशी श्राद्ध के लिए बहुत महत्वपूर्ण तिथि मानी गई है.

अमावस्या पर जहां समस्त पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है वहीं चतुर्दशी तिथि पर श्राद्ध करने के नियम अलग हैं. जानें चतुर्दशी तिथि पर किन लोगों का श्राद्ध नहीं करना चाहिए, क्या है इसका महत्व.

चतुर्दशी श्राद्ध 2023 में कब ? (Ghayal Chaturdashi 2023 Date)

पंचांग के अनुसार अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 13 अक्टूबर 2023, शुक्रवार को है. इसी दिन चतुर्दशी श्राद्ध किया जाएगा. चतुर्दशी तिथि पर उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी अकाल मृत्यु हुई हो. इसे घायल चतुर्दशी भी कहते हैं.

चतुर्दशी तिथि पर न करें इन लोगों का श्राद्ध (Chaturdashi Shradh)

पितृ पक्ष की चतुर्दशी तिथि सिर्फ उन मृतकों के श्राद्ध के लिये उपयुक्त है, जिनकी मृत्यु किन्हीं विशेष परिस्थितियों में हुई हो, जैसे किसी हत्या, दुर्घटना में मृत्यु, आत्महत्या, किसी जानवर के काटने पर मृत्यु. इनके अतिरिक्त चतुर्दशी तिथि पर किसी अन्य का श्राद्ध नहीं किया जाता है. जिन लोगों की स्वाभाविक मृत्यु हुई है उन लोगों का श्राद्ध इस दिन वर्जित माना जाता है. इसके अलावा किसी भी महीने की चतुर्दशी तिथि में जिनकी मृत्यु होती है उनका श्राद्ध भी इसी दिन किया जा सकता है.

चतुर्दशी श्राद्ध पर ऐसी भूल पड़ेगी भारी (Pitru paksha Ghayal Chaturdashi Niyam)

महाभारत के अनुशासन पर्व में भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को बताया था कि इस दिन केवल अकाल मृत्यु के प्राप्त करने वाले लोगों का श्राद्ध करना चाहिए. इस दिन स्वभाविक रूप से मरने वालों का श्राद्ध करने से संतान को भविष्य में कई आर्थिक, मानसिक और शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

चतुर्दशी श्राद्ध विधि

चतुर्दशी श्राद्ध के दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद तर्पण करें, दोपहर में कुतुप मुहूर्त में जिनका श्राद्ध करने है उनके निमित्त धूप, दीप लगाकर भोग लगाएं. फिर पंचबलि भोग निकालें. ब्राह्मणों को भोजन कराएं. दान-दक्षिणा दें. शाम को पीपल के पेड़ में तेल का दीपक लगाकर पूर्वजों के आत्मा की शांति की कामना करें.

Chhath Puja 2023 Nahay Khay: नहाय खाय से कब होगी छठ पूजा की शुरुआत, जानें सही डेट और सटीक मुहूर्त

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *