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Windfall Tax: कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बाद दामों में बढ़ोतरी के बाद एक्सपोर्ट से मोटा मुनाफा बना रही कच्चे तेल का उत्पादन करने ऑयल कंपनियों पर सरकार ने टैक्स का भार बढ़ा दिया है. सरकार ने पेट्रोलियम क्रूड पर विंडफॉल टैक्स में बढ़ोतरी कर दी है. जबकि एयर टर्बाइन फ्यूल यानि एटीएफ के एक्सपोर्ट पर विंडफॉल टैक्स को शून्य कर दिया गया है जबकि डीजल पर लगने वाले टैक्स में कटौती करने का फैसला किया है. नई दरें एक नवंबर 2023 से लागू होगी.
केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि पेट्रोलियम क्रूड के एक्सपोर्ट पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स को बढ़ाकर 9800 रुपये प्रति टन कर दिया जो पहले 9050 रुपये प्रति टन देना पड़ रहा था. सरकार ने एटीएफ और डीजल के एक्सपोर्ट पर लगने वाले एक्सपोर्ट टैक्स में कटौती करने का फैसला किया है. एटीएफ पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स को मौजूदा एक रुपये प्रति लीटर से घटाकर शून्य कर दिया गया है. जबकि डीजल के एक्सपोर्ट पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स को 4 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 2 रुपये प्रति लीटर करने का फैसला किया गया है.
इससे पहले सरकार ने 18 अक्टूबर, 2023 से सरकार घरेलू उत्पादित क्रूड ऑयल पर स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाने का फैसला किया था. 2022 में रूस यूक्रेन युद्ध के बाद कच्चे तेल की कीमतों में तेल उछाल आने के बाद मोटा मुनाफा बना रही क्रूड ऑयल प्रोडक्शन करने वाली कंपनियों पर सरकार ने विंडफॉल टैक्स लगाने का फैसला किया था. साथ ही सरकार ने पेट्रोल, डीजल और एटीएफ के एक्सपोर्ट पर भी विंडफॉल टैक्स लगा दिया था.
दरअसल रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते देश की सरकारी और खासतौर से प्राइवेट ऑयल रिफाइनरी कंपनियां रूस से सस्ते में कच्चा तेल आयात कर उसे रिफाइन करने के बाद ऊंचे दाम पर विदेशों में पेट्रोल डीजल और हवाई ईंधन बेच रही थीं. जिससे उन्हें जबरदस्त मुनाफा हो रहा था. विदेशों में ज्यादा पेट्रोल डीजल बेचने के कारण देश के कई राज्यों में ईंधन संकट भी खड़ा हो गया था. वहीं घरेलू कच्चे तेल के भी एक्सपोर्ट पर भी इन कंपनियों को फायदा हो रहा है. जिसके चलते सरकार ने एक जुलाई 2022 को इन कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स लगाने का फैसला लिया था.
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