ग्रीन ड्रेस विवाद पर खुलकर बोले दीपिंदर गोयल, हम 20 घंटे तक कॉल पर थे 


Zomato Pure Veg Controversy: फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमाटो ने हाल ही में शाकाहारी लोगों के लिए ग्रीन ड्रेस लॉन्च की थी. कंपनी के इस फैसले पर सोशल मीडिया में इतना बवाल मचा कि मात्र 24 घंटे में ही जोमाटो के सीईओ दीपिंदर गोयल (Deepinder Goyal) ने इस फैसले को वापस ले लिया था. अब उन्होंने इस विवाद पर खुलकर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि प्योर वेज फूड डिलीवरी सर्विस पर हुए विवाद के बाद हम लगातार 20 घंटे तक जूम कॉल पर थे. हम इस संकट का जल्द से जल्द समाधान करना चाहते थे.

सोशल मीडिया ने हमें सही रास्ता दिखाया 

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, दीपिंदर गोयल ने कहा कि शाकाहारी लोगों के लिए ग्रीन ड्रेस सर्विस लाने का फैसला व्यापक सर्वे करने के बाद किया गया था. मगर, सोशल मीडिया के जरिए जो मसले उठाए गए, उनमें से ज्यादातर के बारे में हम ज्यादा जानते ही नहीं थे. हम धर्म, जाति और किसी भी तरह के भेदभाव पर यकीन नहीं रखते. इसलिए हमने तत्काल लंबी चर्चा के बाद अपने फैसले को जनता की डिमांड पर वापस ले लिया. जोमाटो का प्योर वेज मोड या प्योर वेज फ्लीट किसी भी धर्म या राजनीतिक सोच का विरोध या समर्थन नहीं करता है. हम सिर्फ लोगों के खाने की जरूरतों को पूरा करने पर काम करते हैं.

जन्मस्थान और बैकग्राउंड तरक्की नहीं रोक सकता 

दीपिंदर गोयल ने युवाओं को दिए अपने संदेश में कहा कि आपके जन्मस्थान और बैकग्राउंड का आपकी तरक्की पर कोई असर नहीं पड़ता है. सफलता सिर्फ कठिन परिश्रम और दृढ़ निश्चय से मिलती है. उन्होंने कहा कि मैं पंजाब के एक छोटे शहर से हूं. इसलिए परिस्थितियों को अपनी सफलता के रास्ते में आड़े न आने दें. जब जोमाटो सीईओ से पूछा गया कि क्या उन्होंने कभी स्विगी से खाना मंगवाया है तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि कभी नहीं.

24 घंटे में ही बंद करनी पड़ी थी ग्रीन ड्रेस

दीपिंदर गोयल ने मंगलवार को ग्रीन ड्रेस प्योर वेज सर्विस शुरू की थी. इसके बाद सोशल मीडिया पर कमेंट्स की बाढ़ आ गई थी. इस विवाद के बाद बुधवार को दीपिंदर गोयल ने यह प्लान रोकने का ऐलान कर दिया था. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था कि हमारे डिलीवरी पार्टनर ग्रीन ड्रेस नहीं पहनेंगे. इससे हमें अपने डिलिवरी पार्टनर को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी. उन्हें किसी भी आरडब्लूए या सोसाइटी में रोका नहीं जाएगा. न ही रेड यूनिफॉर्म वाले डिलिवरी पार्टनर को नॉन वेज फूड से जोड़कर देखा जा सकेगा. इस फैसले से हमारे कस्टमर्स को भी समस्या आ सकती थी. उन्होंने सोशल मीडिया का धन्यवाद भी दिया, जिसकी वजह से इन परेशानियों का पता चल सका.

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