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Edible Oil Prices in Festival Season: त्योहारी सीजन के दौरान खाद्य तेल की कीमतें बढ़ने की संभावना नहीं है. फास्ट मूविंग कंज्यूमर गूड्स (FMCG) कंपनियों का कहना है कि इंटरनेशनल सप्लाई अच्छी है, जबकि देश में सोयाबीन की कम फसल बारिश के कारण तनाव में है. फिर भी कंपनियों का दावा है कि खाद्य तेल कंपनियों की कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है.
हालांकि त्योहारी सीजन के बाद खाद्य तेल की कीमतें इस साल दिसंबर से लेकर अगले साल अप्रैल-मार्च तक बढ़ सकती है. इसका असर तेल उत्पादक देशों में देखने को मिल सकता है, जहां उत्पादन में गिरावट आने की आशंका है.
क्यों नहीं बढ़ेंगे खाद्य तेल के दाम
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, सॉलवेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के एजीक्यूटिव डायरेक्टर बीवी मेहता ने कहा कि बारिश के कम होने से FMCG कंपनियां चावल प्रोडक्शन को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि देश के पूर्वोत्तर राज्यों में नॉन बासमती राइस की फसल के लिए अच्छी बारिश नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि सोयाबीन और मूंगफली की फसल के लिए मानसून क्रिटिकल है. ऐसे में कीमत में अभी बढ़ोतरी की संभावना कम है. हालांकि पिछले 10 दिनों के कारण अच्छी बारिश हुई है.
अडानी विल्मर के मैनेजिंग डायरेक्टर अंग्शु माल्लिक का कहना है कि भारत ने बड़े स्तर पर खाद्य तेलों का आयात किया है, जिससे इसकी कीमतें नहीं बढ़ेंगी. लेकिन अल्प मानसून सोयाबीन फसल को प्रभावित करेगी, जिससे खपत प्रभावित हो सकती है. ऐसे में कीमतें स्थिर रहने का अनुमान है.
दिसंबर से बढ़ सकती है कीमतें
मौसम विभाग के अनुसार, भारत के 717 में से 287 जिलों में 1 जून से 4 अगस्त के दौरान बारिश में गिरावट आई है. बारिश कम होने से धान के साथ ही कुछ अन्य फसल इस राज्य में प्रभावित होने वाले हैं. एक्सपर्ट्स को आशंका है कि सत्र के दूसरे और तीसरे तिमाही में ग्राहकों को खाद्य तेल समेत कुछ जरूरी चीजों पर ज्यादा पैसा देना पड़ सकता है.
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