[ad_1]
Wheat Price Update: लोकसभा चुनाव सिर पर है ऐसे में गेहूं की कीमतों में किसी भी प्रकार के उछाल या उसकी जमाखोरी रोकने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने गेहूं के स्टॉक को घोषित करना जरूरी कर दिया है. दरअसल सरकार ने पहले गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगा रखा था उसकी मियाद 31 मार्च 2024 को खत्म हो रही है. जिसके मद्देनजर सरकार ने ये फैसला लिया है.
खाद्य आपूर्ति मंत्रालय ने कहा कि वो गेहूं और चावल की कीमतों पर नकेल कसने के लिए उसके स्टॉक पर पैनी नजर बनाए हुए है जिससे इसकी उपलब्धता देशभर में सुनिश्चित की जा सके. उपभोक्ता मामलों और खाद्य आपूर्ति मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर इस फैसले की जानकारी दी है.
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, गेहूं की जमाखोरी और कीमतों पर नकेल कसने के लिए भारत सरकार ने ये तय किया है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ट्रेडर्स होलसेलर्स, रिटेलर्स, बिग चेन रिटेलर्स और प्रोसेसर्स को वेबसाइट पर जाकर गेहूं के स्टॉक पोजीशन को डिक्लेयर करना होगा. इन सभी ट्रेडर्स को अगले आदेश तक एक अप्रैल 2024 से हर शुक्रवार के https://evegoils.nic.in/wheat/login.html पोर्टल पर जाकर अपने गेहूं के स्टॉक्स की जानकारी को साझा करना होगा. सरकार ने सभी इकाईयों से कहा है कि वे ये सुनिश्चित करेंगे कि गेहूं के स्टॉक की नियमित तौर पर और सही जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है.
सरकार ने बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी इकाईयों के लिए गेहूं की स्टॉक लिमिट घोषित करने की मियाद की 31 मार्च 2024 को एक्सपाइरी है. इसके बाद सभी इकाईयों को पोर्टल पर जाकर गेहूं के स्टॉक की जानकारी को साझा करना होगा. चावल के स्टॉक घोषित करने का नियम पहले से ही लागू है.
सरकार ने कहा कि जो भी पोर्टल पर रजिस्टर्ड नहीं है वो रजिस्टर कर हर शुक्रवार को गेहूं और चावल के स्टॉक को घोषित कर सकते हैं. सभी इकाईयों के लिए पोर्टल पर जाकर स्टॉक को घोषित करना जरूरी है.
ये भी पढ़ें
शिक्षित युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी बनी सबसे बड़ी चुनौती, कैसे बढ़ेंगे देश में रोजगार के अवसर
[ad_2]
Source link