गर्भगृह से आई रामलला की पहली झलक, जानें विशेषताएं

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Ram Mandir: 22 जनवरी को होने वाले अभिषेक समारोह से पहले रामलला की पहली तस्वीर सामने आई है. भगवान राम की नई प्रतिमा 18 जनवरी को अयोध्या राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रखी गई. अब इसकी कुछ तस्वीरें सामने आई हैं.

मैसूर स्थित मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई 51 इंच की रामलला की मूर्ति पर आंखों पर पट्‌टी बंधी है. जो प्राण प्रतिष्ठा के दिन खुलेगी. आइए जानते हैं कैसे की रामलला की नई मूर्ति.

रामलला की नई मूर्ति की विशेषता

  • रामलला की नई मूर्ति काले पत्थर से बनी है, जिसकी शैली दक्षिण भारतीय है.
  • मूर्ति में रामलला की मनोहर मुस्कान दिखाई पड़ रही है. कहा जा रहा है कि पहली नजर में रामलला की ये मूर्ति देखने वालों को मंत्र मुग्ध कर देती है.
  • ये श्याम वर्ण की खड़ी मूर्ति है, बाल स्वरूप रामलला के हाथों में धनुष है, जिसकी लंबाई 51 इंच है. ये अचल मूर्ति होगी.
  • आस्था और आध्यात्म की झलक इस मूर्ति से झलकती है. जो पहली ही नजर में राम भक्तों को आकर्षित करती है.  
  • भगवान को कमल पर खड़े पांच साल के बच्चे के रूप में चित्रित किया है.

क्यों है रामलला की मूर्ति पर परदा

प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान की मूर्तियों में चेहरे पर परदा रखने की प्राचीन धार्मिक परंपरा है और धर्म के विद्वान इसके कई कारण बताते हैं. धार्मिक मान्यता है कि भगवान और भक्त का संवाद आंखों से होता है. ऐसे में एक मान्यता है कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले अगर भक्ति-भाव से भरा हुआ कोई भक्त भगवान की आंख में देर तक देख ले तो वह प्रेम के वशीभूत होकर भक्त के साथ चले जाते हैं.

रामलला को इसलिए दिखाया जाएगा आइना

शास्त्रों के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के समय मूर्ति में भगवान शक्ति स्वरूप प्रकाश पुंज के रूप में प्रवेश करते हैं. इस शक्ति का तेज बहुत होता है. प्राण प्रतिष्ठा के बाद जब भगवान के नेत्र खोले जाते हैं तो उनकी आंखों से असीम शक्ति वाला यह तेज बाहर निकलता है. यही कारण है कि सबसे पहले भगवान को दर्पण दिखाया जाता है.

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