Sickle Cell Anemia: सिकल सेल एनीमिया खून से जुड़ी बेहद खतरनाक और जेनेटिक बीमारी है. लेकिन इस बीमारी ने लोगों का ध्यान तब अपनी तरफ खींचा जब साल 2023 की बजट पेश करने के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बीमारी को लेकर बड़ी घोषनाएं की. साल 2023 में इस बीमारी के उन्मूलन मिशन की शुरुआत की गई थी. अब इस बीमारी की रोकथाम के लिए इसकी दवा Hydroxyurea oral suspension लॉन्च की गई है.
मंत्री डॉ मनसुख मांडविया का पोस्ट
इस दवा की जानकारी देते हुए सोशल साइट X पर डिपार्टमेंट ऑफ़ चेमिकल्स एंड पेट्रोकेमिकल्स के मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने एक पोस्ट शेयर किया है. उन्होंने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि सिकल सेल बीमारी की रोकथाम के लिए दवा के निर्माण हेतु आपको बहुत-बहुत बधाई.
सिकल सेल बीमारी की रोकथाम के लिए दवा के निर्माण हेतु आपको बहुत-बहुत बधाई।
पीएम @NarendraModi जी ने 2023 में सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की शुरुआत की थी।
यह दवा खासकर हमारे जनजातीय बहनों-भाइयों और बच्चों के लिए वरदान साबित होगी और भारत को हम जल्द ही सिकल सेल से मुक्त करेंगे। https://t.co/KmHNAEGBpb
— Dr Mansukh Mandaviya (मोदी का परिवार) (@mansukhmandviya) March 16, 2024
पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की शुरुआत की थी. यह दवा खासकर हमारे जनजातीय बहनों-भाइयों और बच्चों के लिए वरदान साबित होगी और भारत को हम जल्द ही सिकल सेल से मुक्त करेंगे. केंद्र सरकार ने साल 2047 तक इस बीमारी को भारत से जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा है.
सिकल सेल एनीमिया क्या है?
इस बीमारी से पीड़ित ज्यादातर लोग आदिवासी हैं. वहां पर 7 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी. सरकार पूरी तरह से इस बीमारी को लेकर अलर्ट मोड पर हैं. यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर है.इसमें ब्लड सेल्स या तो ब्रेक हो जाती है या उनका शेप और साइज बदलने लगता है.
जिसके कारण ब्लड, नसों में जाकर ब्लॉक हो जाती है. यह बेहद खतरनाक इसलिए भी है क्योंकि इसमें धीरे-धीरे रेड ब्लड सेल्स मरने लगते हैं. फिर शरीर में खून की कमी होने लगती है. जेनेटिक बीमारी होने के कारण एक वक्त बाद शरीर में खून बनना बंद हो जाता है. शरीर में खून की कमी होने पर ऑर्गन डैमेज होने लगते हैं. किडनी, हार्ट, स्पिलीन, लिवर धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं.
बीमारी के लक्षण
अगर किसी व्यक्ति को सिकल सेल एनीमिया है तो उसके कोई खास लक्षण शरीर पर दिखाई नहीं देते हैं. सिर्फ मरीज के हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द रहता है. शरीर के अंगों में सूजन और दर्द रहता है. हाथ-पैर में हल्के दर्द या सूजन हो सकते हैं. खून धीरे-धीरे बनना बंद हो जाता है. कई बार ऐसा होता है कि खून की कमी के कारण खून चढ़ाना पड़ता है.
लक्षणों को नजरअंदाज करने पर हो जाती है मौत
सिकल सेल एनीमिया से मौत इंफेक्शन, दर्द होना, एक्यूट चेस्ट सिंड्रोम, स्ट्रोक हो जाते हैं. इस बीमारी के मरीज की मौत अचानक भी हो सकती है. पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक साल 2015 से 2016 के बीच 58.4% बच्चे और 53% महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित थीं. पिछले 6 दशकों में इस बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ी है. खासकर जनजातीय आबादी इस बीमारी से ज्यादा पीड़ित है.
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