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बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच का विवादों से पीछा ही नहीं छूट रहा है. एक विवाद शांत होता है, उससे पहले दूसरा नया विवाद खड़ा हो जाता है. इस बार उनके ऊपर दफ्तर का माहौल खराब करने, साथ काम करने वाले लोगों के साथ खराब बर्ताव करने और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं.
सेबी के अधिकारियों ने की सरकार से शिकायत
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, सेबी चेयरपर्सन पर ये आरोप सेबी के ही अधिकारियों के द्वारा लगाए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी के अधिकारियों ने नियामक की प्रमुख माधबी पुरी बुच के खराब व्यवहार की शिकायत सरकार से ही है और काम करने के माहौल को खराब करने (टॉक्सिक वर्क कल्चर) का आरोप लगाया है. सेबी अधिकारियों ने ये शिकायत पिछले महीने वित्त मंत्रालय से की.
कर्मचारियों के साथ करती हैं गलत व्यवहार
रिपोर्ट के अनुसार, सेबी के अधिकारियों ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर अपनी शिकायतों से अवगत कराया है. उनका कहना है कि माधबी पुरी बुच टॉक्सिक वर्क कल्चर को बढ़ावा देती हैं. उनके कार्यकाल में बैठकों में लोगों के ऊपर चिल्लाना और सबके सामने जलील करना आम बात हो गई है. हालांकि सेबी का कहना है कि इस मुद्दे का निराकरण किया जा चुका है.
हिंडनबर्ग के खुलासे से शुरू हुआ विवाद
माधबी पुरी बुच करीब एक महीने से लगातार विवादों में हैं. सबसे पहले उनका नाम विवादों में तब आया था, जब अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने खुलासा किया था कि सेबी प्रमुख और उनके पति का अडानी समूह के साथ कमर्शियल रिलेशन है. हालांकि माधबी पुरी बुच और उनके पति न हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज किया था. अडानी समूह ने भी बयान जारी कर सेबी प्रमुख के साथ किसी तरह के कमर्शियल रिलेशन से इनकार किया था.
भ्रष्टाचार के लगाए गए आरोप
हाल ही में उनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. जी ग्रुप के फाउंडर सुभाष चंद्रा ने मंगलवार को यह आरोप लगाया. उससे पहले विपक्षी पार्टियां माधबी पुरी बुच को उनके पूर्व नियोक्ता आईसीआईसीआई बैंक से मिले कंपनसेशन को लेकर सवाल उठाया था.
शिकायत पर 500 कर्मचारियों के हस्ताक्षर
ताजे विवाद की बात करें तो ईटी का दावा है कि उसने 6 अगस्त को सेबी के अधिकारियों के द्वारा वित्त मंत्रालय को भेजा गया वह पत्र देखा है, जिसमें सेबी प्रमुख पर कामकाज का माहौल खराब करने के आरोप लगाए गए हैं. इसे लेकर ईटी ने सेबी से संपर्क किया तो ईमेल के जरिए उसे बताया गया कि सेबी ने कर्मचारियों के इस मुद्दे का पहले ही निराकरण कर दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय को भेजे गए, शिकायती पत्र पर सेबी के लगभग 500 कर्मचारियों के हस्ताक्षर हैं. सेबी के कर्मचारियों की कुल संख्या करीब 1 हजार है.
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