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Pregnancy Brain : मां बनना किसी महिला के लिए सबसे खूबसूरत एहसास है. यह समय सबसे अच्छा होता है लेकिन इस समय कई मुश्किलें भी आती हैं. प्रेगनेंसी का असर महिलाओं की फिजिकल हेल्थ पर पड़ता ही है, उनकी मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित करता है. जब प्रेगनेंसी का असर महिला के दिमाग पर पड़ता है तो उसे प्रेगनेंसी ब्रेन (Pregnancy Brain) या ‘मम्मी ब्रेन’ भी कहते हैं.
दरअसल, गर्भावस्था में प्रेगनेंसी ब्रेन होने पर महिलाओं की याददाश्त थोड़ी सी कमजोर हो जाती है, वे किसी चीज को जल्दी-जल्दी भूल जाती हैं. कई महिलाएं प्रेगनेंसी के बाद भी इस समस्या से जूझती हैं. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक स्टडी के मुताबिक, प्रेगनेंसी में 80% से ज्यादा महिलाएं प्रेगनेंसी ब्रेन की प्रॉब्लम्स महसूस करती हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं प्रेगनेंसी ब्रेन के बारें में सबकुछ…
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प्रेगनेंसी ब्रेन की समस्या कब होती है
प्रेगनेंसी ब्रेन की शुरुआत गर्भावस्था के पहले 3-4 महीने से ही हो जाती है. प्रेगनेंसी में शरीर में कई हार्मोंस रिलीज होते हैं, जब इनकी मात्रा बढ़ती जाती है तो मस्तिष्क में भी बदलाव होने लगते हैं. इस दौरान शरीर में भी कई चेंजेस आते हैं. नींद न आना, चिड़चिड़ापन और चीजों को भूल जाना आम समस्या बन जाती है.
प्रेगनेंसी ब्रेन के लक्षण
एकाग्रता की कमी
छोटी-छोटी चीजें भी भूल जाना
नींद पूरी न होना
काम में मन न लगना
ज्यादा तनाव और चिंता होना
क्या प्रेगनेंसी ब्रेन को गंभीरता से लेने की जरूरत
प्रेगनेंसी ब्रेन एक नॉर्मल कंडीशन होती है, जो डिलीवरी के बाद ठीक हो जाती है. इसलिए इसे लेकर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है. जरूरी नहीं कि हर महिला इस कंडीशन से गुजरे, कई महिलाओं में यह काफी सामान्य होता है. अमेरिका-यूरोप जैसे देशों में इसे काफी गंभीरता से लिया जाता है लेकिन भारत में बहुत सी प्रेगनेंट महिलाएं इसे नजरअंदाज करती हैं.
प्रेगनेंसी ब्रेन से कैसे बचें
खूब आराम करें
पर्याप्त नींद लें
हर दिन का टाइम टेबल बनाएं
गाने सुनें, खाना बनाएं या पेटिंग करें, जो पसंद हो वो एक्टिविटीज करें
पौष्टिक आहार ही लें
योग, मेडिटेशन और एक्सरसाइज करें
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