[ad_1]
<p>इंडियन कल्चर में कुछ चीजें खाने का रिवाज काफी वक्त पहले से है. उदाहरण के तौर पर मान लीजिए दाल. इंडियन किचन में दोपहर के खाने में दाल बेहद जरूरी है. इंडिया के अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीके से दाल बनाई जाती है. लेकिन कई लोगों के साथ दिक्कत तब होती है जब वह दाल खाते हैं तो उन्हें ब्लोटिंग, फेट फूलने की समस्या होती है. ऐसे लोगों के बारे में कहा जाता है कि इन्हें दाल ठीक से नहीं पचती है. जब इसके पीछे के कारण पता लगाने की कोशिश की गई तो पता चला कि प्रेशर कुकर में दाल पकाने से उसमें यूरिक एसिड बढ़ जाता है. </p>
<p><strong>प्रेशर कूकर में दाल पकाने से यूरिक एसिड बढता है?</strong></p>
<p>जिन फूड आइटम में प्यूरिन कंटेंट होता है उन्हें खाने से यूरिक एसिड बढ़ सकता है. जैसे-शी फूड्स, रेड मीट लेकिन दालों में इतना प्यूरिन नहीं है कि इसके खाने से यूरिक एसिड बढ़ जाएगा. </p>
<p><strong>दाल के ऊपर झाग बननी है जरूरी?</strong></p>
<p>आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दाल के ऊपर जो झाग बनती है वह सैपोनिन, प्रोटीन और स्टार्च के कारण होती है. यह सैपोनिन एक सीमित मात्रा में दाल में पाया जाता है. यह हमारे शऱीर के लिए खतरनाक नहीं होते हैं. क्योंकि यह हमारे लिए एंटिऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं. अगर आप दाल प्रेशर कुकर में बना रहे हैं तो यह झाग निकलने की जरूरत नहीं है. </p>
<p><strong>बढ़े हुए यूरिक एसिड को करना है कंट्रोल तो करें ये काम</strong></p>
<p>शरीर में यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है तो आप शुरुआत पानी से करें. जब भी मौक मिलें ढेर सारा पानी पिएं. </p>
<p>खाने को कंट्रोल करें. खाते वक्त इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आप कितना और क्या खा रहे हैं. ताकि यूरिक एसिड कंट्रोल में रहे. </p>
<p>कुछ दालों में प्यूरिन की मात्रा कम होती है. दाल खाते वक्त हरी या भूरी दालों को चुनें यह सेहत के लिए फायदेमंद है. </p>
<p><strong>ये भी पढ़ें: <a title="लाल, हरी, पीली शिमला मिर्च… हर रोज खाने के लिए हेल्थ के हिसाब से कौन सा है बेहतर" href="https://www.abplive.com/lifestyle/health/red-vs-green-vs-yellow-bell-pepper-which-is-better-for-every-day-consumption-2574424" target="_self">लाल, हरी, पीली शिमला मिर्च… हर रोज खाने के लिए हेल्थ के हिसाब से कौन सा है बेहतर</a></strong></p>
[ad_2]
Source link