क्या आप जानते हैं आखिर किसके ध्यान में मग्न रहते हैं महादेव, कौन हैं शिव के आराध्य

[ad_1]

Shiv Puran: हिंदू धर्म में 18 पवित्र पुराणों की चर्चा की गई है, जिसमें महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित शिव पुराण सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला महत्वपूर्ण पुराण है. 18 पुराणों की सूची में शिव पुराण चौथे स्थान पर आता है. इस पुराण में विशेषकर भगवान शिव की महिमा और भक्ति का प्रचार-प्रसार किया गया है.

शैव मत से संबंधित शिव पुराण में कुल 6 खण्ड और 24 हजार श्लोक हैं. साथ ही इसमें शिव के विभिन्न रूप, अवतार, ज्योतिर्लिंग और भक्ति-शक्ति का विस्तारपूर्वक उल्लेख किया गया है. भगवान शिव को भोलेनाथ, शिव, नीलकंठ, अर्धनारीश्वर जैसे कई नामों से जाना जाता है. वहीं भगवान शिव को देवों का देव भी कहा जाता है.

किसके ध्यान में मग्न रहते हैं महादेव

आपने भगवान की कई प्रतिमा या तस्वीर में देखा होगा कि, वेअधिकतर ध्यान की मुद्रा में रहते हैं और ध्यान में मग्न रहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर भगवान शिव जब स्वयं देवों के देव हैं तो वे फिर किसका ध्यान करते हैं और कौन हैं उनके आराध्य देव. इस बारे में शिव पुराण में बताया गया है.

राम का ध्यान लगाते हैं महादेव

शिव पुराण में ऐसा बताया गया है कि, भगवान शिव श्रीराम के ध्यान में मग्न लगते हैं. इसके संबंध में एक कथा भी प्रचलित है, जिसके अनुसार- एक बार शिव जी के ध्यान से उठने के बाद माता पार्वती ने उनसे पूछा कि, स्वामी आप तो स्वयं देवों के देव हैं, इसलिए आपको देवाधिदेव कहा जाता है, फिर आप किस देव का ध्यान लगाते हैं.

माता पार्वती के प्रश्न का जवाब देते हुए महादेव बोले कि, वह जल्द ही इस प्रश्न का उत्तर देंगे. फिर शिवजी ने कौशिक ऋषि के सपने में आकर उन्हें राम रक्षा स्त्रोत लिखने का आदेश दिया. लेकिन सपने में ही कौशिक ऋषि ने कहा कि, वे राम रक्षा स्त्रोत लिखने में सक्षम नहीं हैं. इसके बाद शिवजी ने ऋषि को ज्ञान प्राप्ति की शक्ति दी, जिसके बाद ऋषि कौशिक ने राम रक्षा स्त्रोत लिखा.

इसके बाद शिवजी माता पार्वती को राम रक्षा स्त्रोत पढ़कर सुनाने लगे. साथ ही उन्होंने पार्वती को यह भी बताया कि वे भगवान राम का ध्यान करते हैं. इसका कारण यह है कि, राम नाम का एक जप विष्णु जी के सहस्त्र या हजारों नाम जपने जैसा है.   

ये भी पढ़ें: Shiv Puran: शिव पुराण को सुनने मात्र से मिलते हैं कई लाभ, लेकिन जान लीजिए क्या है निमय

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *