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सरकार ने साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए कॉल फॉरवर्ड करने की सुविधा बंद करने का निर्णय लिया है. इसके लिए दूरसंचार विभाग की ओर से सभी टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया गया है और उन्हें 15 अप्रैल से इस सुविधा को बंद करने के लिए कहा गया है.
दूरसंचार विभाग ने दिया ये निर्देश
दूरसंचार विभाग का यह निर्देश यूएसएसडी पर आधारित कॉल फॉरवर्डिंग के लिए है. विभाग के द्वारा दूरसंचार कंपनियों को कहा गया है कि वे यूएसएसडी बेस्ड कॉल फॉरवर्डिंग को 15 अप्रैल से बंद कर दें. साथ ही सरकार ने कंपनियों को कॉल फॉरवर्डिंग की सुविधा के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए कहा है.
क्या है यूएसएसडी बेस्ड सर्विस?
यूएसएसडी बेस्ड सर्विसेज के तहत ग्राहकों को कई सुविधाएं मिलती हैं, जिनमें कॉल फॉरवर्डिंग की सुविधा भी शामिल है. उसके अलावा आईएमईआई नंबर चेक करने से लेकर बैलेंस चेक करने तक कई काम यूएसएसडी के माध्यम से होते हैं. इन सेवाओं में कस्टमर को अपने फोन से एक्टिव कोड डायल करना होता है. एक्टिव कोड में हैशटैग और स्टार जैसे सिंबल और डिजिट का कॉम्बो होता है.
साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल की आशंका
सरकार को इस बात का अंदेशा है कि फोन से जुड़े साइबर फ्रॉड और साइबर अपराध के मामलों में यूएसएसडी सेवाओं का गलत इस्तेमाल हो रहा है. इसी कारण सरकार ने 15 अप्रैल से यूएसएसडी बेस्ड कॉल फॉरवर्डिंग सर्विसेज को बंद करने के लिए कहा है. अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सर्विस डेटा यानी यूएसएसडी पर बेसड कॉल फॉरवर्डिंग सेवाओं को *401# सर्विस भी कहा जाता है.
करना होगा फिर से एक्टिवेट
सरकार के निर्देश के बाद यूएसएसडी बेस्ड कॉल फॉरवर्डिंग की सुविधा 15 अप्रैल से बंद हो जाएगी. सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों से कहा है कि वे ग्राहकों को कॉल फॉरवर्डिंग की सुविधा फिर से एक्टिवेट करने के लिए विकल्प प्रदान कर सकती हैं. जिन ग्राहकों ने अभी यूएसएसडी से कॉल फॉरवर्डिंग की सुविधा अपने फोन में एक्टिव कराया हुआ है, उनसे कंपनियां 15 अप्रैल के बाद सर्विस को रिएक्टिवेट करने के लिए कहेंगी. इसके लिए ग्राहकों को यूएसएसडी से इतर दूसरे विकल्प दिए जाएंगे. कंपनियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि कॉल फॉरवर्डिंग की सुविधा बिना ग्राहक की मर्जी के या उसकी जानकारी में आए एक्टिवेट न हो.
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