कॉमर्शियल यूज के लिए पट्टे पर जमीन देगी रेलवे! 7,500 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान 

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<p style="text-align: justify;">भारतीय रेवले अगले 18 महीने में 84 सरप्लस प्लॉट को पट्टे पर देकर 7,500 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाने की योजना बनाई है. सरकार जल्द ही इसके लिए कंपनियों से बालियां आमत्रित करेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कदम रेल लैंड डेवलपमेंट अथोरिटी (RLDA) की ओर से उठाया गया है, जो लैंड मोनेटाइजेंशन प्लान का हिस्सा है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">अथोरिटी को डेवलपमेंट के लिए 119 कॉमर्शियल साइट सौंपे गए हैं, जिनमें से 2,835 करोड़ रुपये के पट्टे वाले 35 के लिए बोलियां पहले ही ली जा चुकी हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे की योजना बाकी के पट्टे वाली जमीन की प्रक्रिया में तेजी लाने की है. इसमें कुछ महानगर और प्रमुख शहर हैं, जहां पर्यटकों की आवाजाही रहती है.&nbsp;</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>2025 तक पूरा करने का लक्ष्य&nbsp;</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">इन जमीनों पर वित्त वर्ष 2025 तक लीज का काम पूरा करने का प्लान है. इस लैंड के कॉमर्शियल लीज से रेलवे को पट्टे की पूरी अवधि के दौरान वार्षिक पट्टा किराया प्राप्त करने की अनुमति मिलेगी, जो 45 साल, 60 साल और 99 साल के बीच अलग-अलग हो सकता है.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>अभी तक कितनी जुटाई संपत्ति&nbsp;</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">रेलवे ने वित्त वर्ष 2021 में केवल 133 करोड़ रुपये की संपत्ति को मोनेटाइज किया. इसके बाद वित्त वर्ष 2022 में 655 करोड़ और वित्त वर्ष 2023 में 3,000 करोड़ रुपये का मोनेटाइजेशन किया है. लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रमुख भूमि पार्सल का व्यावसायिक विकास रेलवे संपत्तियों के मुद्रीकरण का एक त्वरित और कुशल तरीका है और निजी क्षेत्र के डेवलपर्स के बीच लोकप्रिय है.&nbsp;</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>6 ट्रिलियन रुपये की संपत्ति को मोनेटाइज करने का प्लान&nbsp;</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">वित्त वर्ष 2021 में सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन में वित्त वर्ष 2025 को समाप्त होने वाली पांच साल की अवधि में 6 ट्रिलियन रुपये सरकारी संपत्ति का मुद्रीकरण करने का प्रस्ताव है. भारतीय रेलवे के लिए मोनेटाइजेशन का लक्ष्य &nbsp;1.5 ट्रिलियन से ज्यादा का रखा गया है, लेकिन यह पिछले दो सालों में बहुत कम हासिल हुआ है. स्टेशन रिडेवलपमेंट, माल गलियारों पर पटरियों का मुद्रीकरण और निजी ट्रेनों का संचालन अभी भी शुरू नहीं हुआ है. साथ ही रेलवे में इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट बनाने की योजना भी काम नहीं कर पाई है.&nbsp;</p>
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