केंद्र सरकार की नई स्कीम से मछुआरों-किसानों को सस्ते लोन, 1.7 लाख नौकरियों के मौके सहित ढेरों फायदे- जानें सब

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PM-MKSSY: केंद्र सरकार की कैबिनेट कमिटी ऑन इकनॉमिक अफेयर्स (सीसीईए) ने फिशरीज सेक्टर के लिए नई स्कीम को मंजूरी दे दी है. इसका नाम प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना यानी Pradhan Mantri Matsya Kisan Samridhi Sah-Yojana (PM-MKSSY) है. ये प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 6000 करोड़ रुपये की एक सब-सेंट्रल स्कीम है. स्कीम के जरिए जल कृषि करने वाले किसानों के साथ-साथ मछुआरों, मछली पालन करने वाले मजदूरों को सस्ते लोन मिल पाएंगे सेक्टर का इंफ्रास्टक्चर मजबूत होने से लोगों तक सीधे फायदा पहुंचेगा. 

6000 करोड़ रुपये की सब-स्कीम लॉन्च

सरकार ने अनऑर्गेनाइडज्ड असंगठित मत्स्य पालन क्षेत्र को औपचारिक रूप देने के लिए और इस सेक्टर के एमएसएमई को संस्थागत फाइनेंस की सुविधा देने के लिए ये स्कीम निकाली है. इस 6000 करोड़ रुपये की स्कीम से जलकृषि बीमा को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी. फिशरीज सेक्टर में आसान लोन मिलने से यहां काम करने वाले लोगों को पैसों की सरकारी मदद होगी. 

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पोस्ट से दी जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि कैबिनेट के ‘मत्स्य पालन अवसंरचना विकास कोष’ (FIDF) को 3 सालों के लिए बढ़ाने से मत्स्य पालन क्षेत्र में लोगों के लिए बेहतर लोन की पहुंच सुनिश्चित होगी और इससे जुड़े बुनियादी ढांचे के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा. 

आसान शब्दों में जानें स्कीम से मछुआरों, मछली किसानों, मछली श्रमिकों को क्या मिलेगा फायदा

  1. वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 20226-27 तक के चार सालों में सेक्टर में 6000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.
  2. फिशरीज इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एफआईडीएफ) के लिए 7522.48 करोड़ रुपये के पहले से स्वीकृत फंड के साथ 939.48 करोड़ रुपये के बजट सपोर्ट को तीन सालों के लिए बढ़ाया जाएगा.
  3. इस स्कीम से मछली उत्‍पादन, सी-फूड प्रोडक्शन बढ़ाने में मदद मिलेगी.
  4. स्कीम से 9.40 लाख से भी ज्‍यादा मछुआरों/मत्‍स्‍य पालन से जुड़े लोगों सहित इस सेक्टर से जुड़े युवाओं के लिए नौकरियों के मौके बनेंगे.
  5. इस सब-स्कीम से सेक्टर में 1.70 लाख नौकरियों के मौके बनेंगे.
  6. 1.70 लाख नौकरियों में से महिलाओं को 75,000 जॉब देने पर फोकस किया जाएगा.
  7. माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज में इंटिग्रेटेड वैल्यू चैन डेवलप करने में मदद दी जाएगी जिससे अतिरिक्त 5.4 लाख रोजगार के मौके पैदा करने का लक्ष्य है.
  8. एमएसएमई के लिए नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा जिससे 40 एमसएमई फर्मों को वर्क बेस्ड पहचान मिलेगी.
  9. 6.4 लाख माइक्रो एंटरप्राइजेज और 5500 फिशरीज को-ऑपरेटिव्स को भी फाइनेंशियल सपोर्ट मिलेगा.
  10. सेक्टर में सब्सिडी के साथ परफॉरमेंस बेस्ड इंसेटिव दिए जाएंगे जिससे बेहतर क्वालिटी और बढ़ते उत्पादन पर ध्यान दिया जा सके.

(जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर संकलित की गई हैं)

क्या है सरकार की असल योजना

केंद्र सरकार की योजना है कि फिशरीज सेक्टर में 55,000 टारगेटेड एमएसएमई को सब्सिडी के साथ परफॉरमेंस बेस्ड इंसेटिव दिए जाएं जिससे इस क्षेत्र में लोग बेहतर क्वालिटी का सी-फूड मुहैया करा सकेंगे और वर्ल्ड स्टैंडर्ड्स के मुताबिक भारत की ये इंडस्ट्री उभर सकेगी.

जल-खेती का जो सेक्टर अभी असंगठित रूप से काम कर रहा है, उसे संगठित रूप देने की सरकार की योजना के लिए 3000 करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक से लेने के साथ-साथ एएफडी और पब्लिक फंडिंग से आएंगे.

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