किस दिन किस देवता की पूजा करनी चाहिए? यदि नहीं है जानकारी तो यहां जानें

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Week Days Puja: सप्ताह के हर एक दिन का विशेष महत्व, पूजाविधि और उपाय होते हैं. शास्त्रों में सप्ताह के 7 दिन अलग-अलग देवी-देवता की पूजा के लिए निर्धारित किया गया है.

मान्यता है कि वार अनुसार अपने ईष्ट देव का पूजन-व्रत किया जाए तो उसका शीघ्र फल मिलता है साथ ही नवग्रहों की शुभता भी प्राप्त होती है. आइए जानते हैं किस दिन किस देवता की पूजा करनी चाहिए ?

सप्ताह के 7 दिन के लिए बताए गए हैं अलग-अलग देवता

सोमवार – सोमवार शिव जी का दिन माना गया है. इसके साथ ही इस दिन चंद्र देव की पूजा भी की जाती है. चंद्रमा मन का कारक हैं. कुंडली में चंद्रमा को मजबूत करने और दांपत्य जीवन में सुख-सौभाग्य की कामना के लिए सोमवार को शिवलिंग का जलाभिषेक या रुद्राभिषेक करें. भोलेनाथ की कृपा से सारी मनोकामना पूरी होगी. मानसिक तनाव दूर होगा.

मंगलवार – हनुमान जी और मंगल देव की पूजा मंगलवार को करना श्रेष्ठ माना जाता है. बजरंगबली को इस युग में शीघ्र प्रसन्न होने वाला देवता माना जाता है. मंगलवार को हनुमान जी को चोला चढ़ाने से सारे बिगड़े काम बन जात हैं. मंगलवार का व्रत शत्रु, बुरी बाधाओं से मुक्ति दिलाता है. मंगल ग्रह की शांति भी होती है. मांगलिक दोष से छुटकारा मिलता है, विवाह के योग बनते हैं.

बुधवार – बुधवार का दिन भगवान गणेश की समर्पित होता है. बुधवार के दिन बुध ग्रह को अनुकूल बनाने और गणेशजी की कृपा पाने के लिए हरी मूंग का दान करें, बप्पा को दूर्वा चढ़ाएं. ऐसा करने पर बुद्धि, विद्या में वृद्धि होती है. वाणी में निखार आता है. शुभ कार्य बिना किसी अड़चन के पूरे होते हैं. स्वास्थ लाभ मिलता है.

गुरुवार – गुरुवार के दिन विष्णु जी और देव गुरु बृहस्पति के पूजन का विधान है. गुरुवार के दिन पीली चीजों का जैसे चने की दाल, केला, केसर आदि का दान करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां आती हैं. जिन लोगों के विवाह और नौकरी-व्यापार में रुकावटें आ रही हैं उन्हें गुरुवार व्रत करना चाहिए. इससे पुण्य फल प्राप्त होता है.

शुक्रवार – शुक्रवार मां लक्ष्मी और शुक्र देव का दिन है. शुक्रवार के दिन लक्ष्मी पूजन से जीवन में कभी भी सुख-सुविधा की कमी नहीं रहती.इसके साथ ही शुक्र ग्रह की शुभता से सौंदर्य में निखार, ऐश्वर्य, कीर्ति और धन-दौलत प्राप्त होती है.

शनिवार – शनि देव को समर्पित है शनिवार. इस दिन हनुमान जी की पूजा भी करना उत्तन माना जाता है. शनि देव न्यायकर्ता हैं, ये व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार फल देते हैं. शनिवार को शनि देव को तेल और काले तिल चढ़ाने से साढ़ेसाती और ढैय्या के दुष्प्रभाव कम होते हैं.

रविवार – सूर्य देवता की आराधना रविवार को उत्तम मानी गई है. सूर्य को रोजाना सुबह अर्घ्य देना चाहिए लेकिन रविवार के दिन जल चढ़ाने से व्यक्ति का मान-सम्मान, साहस और ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है. तांबे के लोटे में जल, पुष्प और अक्षत डालकर सूर्यदेव को अर्पित करें.

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Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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