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Pregnancy Planning Tips: हर परिवार में जब किसी नन्हें मेहमान का स्वागत होता है तो घर के लोग उत्साहित हो जाते हैं. खासकर मां जिसे नौ महीने की प्रेग्नेंसी में अपना काफी ख्याल रखने की जरूरत होती है. अगर आप भी इस समय प्रेग्नेंसी प्लानिंग कर रहे हैं तो इसे सामान्य समझने की भूल नहीं करनी चाहिए. बदलाव के ये नौ महीने केवल शरीर को ही नहीं बदलते, इसके लिए मानसिक रूप से भी कई तरह की तैयारियों की जरूरत होती है. चलिए जानते हैं कि प्रेग्नेंसी प्लानिंग (planning pregnancy)से पहले किस किस तरह की बातों को ध्यान में रखने की जरूरत है.
प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले इन बातों पर कीजिए गौर
पक्के तौर पर मन बनाना है जरूरी
केवल किसी को देखकर प्रेग्नेंसी प्लान मत कीजिए. जब आप शारीरिक और मानसिक रूप से बच्चे के लिए तैयार हो जाएं, तभी इसकी प्लानिंग कीजिए. आपको बता दें कि ये दौर बच्चे ही नहीं बल्कि एक होने वाली मां के लिए भी जरूरी होता है. इसलिए मां को अपने शरीर और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर पूरी तरह सजग रहना चाहिए.
कंसीव करने से पहले पोषण पर ध्यान दीजिए
अगर आप कंसीव करने की तैयारी कर रही हैं तो इस बात का ध्यान रखना होगा कि आपका शरीर प्रेग्नेंसी के लिए पूरी तरह तैयार है या नहीं. आपको इसके लिए खास विटामिन लेने होंगे. इसके लिए आपको फोलिक एसिड भी जरूरी तौर पर लेना होगा. इसलिए कंसीव करने से पहले अपने शरीर को बच्चे के विकास के लिए अनुकूल बनाने के लिए पहले से ही फोलिक एसिड की खुराक लेनी शुरू कर दें.
वेट कंट्रोल है जरूरी
प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले तय कर लें कि कहीं आपका वजन ज्यादा या भी कम तो नहीं है. बीएमआई के स्तर पर अपने वजन को मापें और तय करें कि अगर वजन ज्यादा है तो उसे पहले ही कम कैसे किया जाए. चूंकि प्रेग्नेंसी में मां का वजन बढ़ जाता है, ऐसे में पहले से ज्यादा वजन होने पर कंसीव करने में भी दिक्कत आती है.
दवाओं पर ध्यान दीजिए
अगर आप पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित हैं और दवाएं ले रही हैं तो प्रेग्नेंसी से पहले इन पर ध्यान दीजिए. इसके लिए अपने डॉक्टर से सलाह जरूरत लीजिए. हाइपरटेंशन, थॉयराइड, बीपी और डायबिटीज जैसी बीमारियों में प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले डॉक्टर से बात करनी चाहिए.
अपनी लाइफस्टाइल में करें जरूरी बदलाव
कई बार लाइफस्टाइल का भी प्रेग्नेंसी पर गलत असर पड़ता है. अगर आप स्मोकिंग या अल्कोहल का सेवन करते हैं तो प्रेग्नेंसी कंसीव करने से पहले इन आदतों पर कंट्रोल करना होगा, वरना पेट में पल रहे बच्चे के विकास पर इसका बुरा असर पड़ सकता है. अगर कंसीव करना है तो योगा, वॉकिंग आदि पर फोकस कीजिए और डाइट पर ध्यान दीजिए. सकारात्मक रहना कंसीव करने के लिए बहुत जरूरी है.
जेनेटिक बीमारियों की जांच है जरूरी
अगर आप कंसीव करना चाह रही हैं तो पहले अपनी फैमिली की डिजीज हिस्टरी की जांच करवा लें. कई बार आनुवांशिक बीमारियों की अनदेखी के चलते होने वाले बच्चे के विकास पर असर पड़ता है. अगर परिवार में किसी गंभीर बीमारी की हिस्टरी है तो इसके लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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