ऑस्ट्रेलिया से सीखनी चाहिए प्लानिंग, कंगारुओं ने दुनिया को बताया कैसे बनते हैं वर्ल्ड चैंपियन

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IND vs AUS WC 2023 Final: वर्ल्ड कप 2023 में एक वक्त ऐसा था जब ऑस्ट्रेलिया की टीम अपने शुरुआती दोनों मुकाबले एकतरफा अंदाज में गंवाने के बाद पॉइंट्स टेबल में सबसे आखिरी पायदान पर थी. ऐसी परफॉर्मेंस के बाद शायद ही किसी ने सोचा था कि कंगारू टीम सेमीफाइनल तक भी पहुंच पाएगी. लेकिन यहीं से ऑस्ट्रेलिया ने धीरे-धीरे अपना गैर बदला और फिर न केवल सेमीफाइनल में जगह पक्की की बल्कि फाइनल में वर्ल्ड कप फेवरेट मानी जा रही टीम इंडिया को भी धूल चटा दी. इस पूरे सफर में ऑस्ट्रेलिया ने दुनिया को बता दिया कि आखिर वर्ल्ड चैंपियन कैसे बना जाता है.

ऑस्ट्रेलिया ने इस वर्ल्ड कप में कई करीबी जीत दर्ज करते हुए फाइनल तक का सफर तय किया था. न्यूजीलैंड के खिलाफ लीग मैच में आखिरी गेंद पर जीत, अफगानिस्तान के खिलाफ आठवें विकेट के लिए 200 रन की साझेदारी करते हुए जीत और फिर सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मुश्किल हालातों में जीत. ये कुछ ऐसी रोमांचक जीतें रहीं, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया को मुश्किल समय में ढाढस बनाए रखने की शक्ति दी और फिर वर्ल्ड कप फाइनल में उसने अपने इसी पूरे सफर का अनुभव झोंक दिया. वर्ल्ड कप फाइनल में उसने उसी टीम इंडिया को चारों खाने चित कर दिया, जिसने उसे लीग मैच में बुरी तरह पटखनी दी थी.

अच्छी तरह से किया था होमवर्क
ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड कप फाइनल में टीम इंडिया के खिलाफ जबरदस्त होमवर्क किया था. हर बल्लेबाज के खिलाफ उनकी रणनीति अलग नजर आई. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने ज्यादातर गेंदें ‘बैक ऑफ लेंथ’ रखी, जिस पर भारतीय बल्लेबाज परेशान होते दिखे. इस तरह की गेंदबाजी इसलिए की गई क्योंकि अहमदाबाद की बड़ी बाउंड्री वाले नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर ऐसी गेंदों पर बड़ा शॉट खेलने का खतरा बल्लेबाज कम ही लेना पसंद करते और फिर ऐसी गेंदों पर स्ट्राइक रोटेट करना भी आसान नहीं था. यानी उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों के साथ ही मैदान के डाइमेंशंस का फायदा उठाने के लिए भी अच्छा खासा होमवर्क कर रखा था.

पिच को समझने में भारत से बेहतर रहे
ऑस्ट्रेलियाई टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी. जबकि रोहित शर्मा ने टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी का ही चुनाव करने के अपने पूर्व निर्धारित मन के बारे में बताया था. यहां ऑस्ट्रेलिया का फैसला सही साबित हुआ. मैच की पहली पारी में भले ही स्पिनर्स को टर्न ज्यादा नहीं मिला लेकिन गेंद भी आसानी से बल्ले पर नहीं आ रही थी. इसके उलट दूसरी पारी में ओस ने ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी को आसान बना दिया. ओस में भारतीय स्पिनर्स भी ऑस्ट्रेलिया को नुकसान नहीं पहुंचा सके.

पैट कमिंस की लाजवाब कप्तानी
पैट कमिंस की कप्तानी ने टीम के पूरे गेम प्लान को अच्छे से मैदान में लागू करवाया. उन्होंने बल्लेबाजों के हिसाब से गेंदबाजों को बहुत अच्छे से बदला. परिस्थितियों के हिसाब से खेलने की बजाए उन्होंने खुद मैच में परिस्थितियां निर्मित की. उनके तेज गेंदबाजों ने ज्यादा कटर गेंद फेंकी ताकि गेंद जल्दी पुरानी हो और रिवर्स स्विंग के सहारे आखिरी में भारतीय बल्लेबाजों को तेज रन बनाने से रोका जा सके. पैट कमिंस अपनी इन सारी योजनाओं को अच्छे से अमल में लाए.

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