ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंज भी हैं मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के दायरे में, अब तक 28 एक्सचेंज रजिस्टर हुए

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Finance Ministry in Parliament: संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी अहम जानकारी दीं. वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत में 28 क्रिप्टो एक्सचेंज या वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स ने फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट-इंडिया के साथ रजिस्ट्रेशन कराया है. पंकज चौधरी के मुताबिक ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंजों और वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जारी है. 

वित्त राज्य मंत्री ने दी महत्वपूर्ण जानकारी

वित्त राज्य मंत्री ने 4 दिसंबर को संसद में बताया कि ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंजों को देश में रजिस्टर होने के अलावा पीएमएलए के तहत एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और सीएफटी गाइडलाइंस (आतंकवाद की फंडिंग के खिलाफ नियमों) का पालन करना जरूरी है. ऑफशोर प्लेटफार्म अगर गाइडलाइंस का पालन नहीं करेंगे तो उन पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत उचित एक्शन लिए जाएंगे. 

किन कंपनियों ने अब तक करा लिया रजिस्ट्रेशन

इन 28 कंपनियों में कॉइनएक्स, यूनोकॉइन, बिटबन्स, जेबपे, वजीरएक्स, कॉइनस्विच, कॉइनस्विचएक्स और रारियो जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं. बिनान्स, कॉइनबेस जैसे क्रिप्टो एक्सचेंजों भी हैं जो क्रिप्टोकरेंसी यूजर्स को सर्विस दे रहे हैं.

सरकार से पूछा गया था क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सवाल

विंटर सेशन के पहले दिन लोकसभा सांसद लावु श्री कृष्ण देवरायलु ने देश में क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते कारोबार को लेकर सवाल किया. उन्होंने पूछा कि क्या एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग गाइडलाइंस और रिपोर्टिंग जरूरतें इंडियन मार्केट में ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंजों पर भी लागू होते हैं? इस जोखिम भरे फाइनेंशियल ऐसेट के रेगुलेशन के लिए सरकार क्या कर रही जिससे क्रिप्टो निवेशकों को नुकसान ना हो. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि, हां भारतीय बाजार में सर्विस देने वाले ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंजों पर गाइडलाइंस और रिपोर्टिंग जरूरतों वाले नियम लागू होते हैं. 

क्या हैं ऑफशोर एक्सचेंज

भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए सरकार का ये कदम एक बड़ी राहत है क्योंकि पिछले कुछ सालों में इंडियन क्रिप्टो एक्सचेंज अपने प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग वॉल्यूम में कमी देख रहे हैं. क्रिप्टो यूजर्स आय पर 30 फीसदी टैक्स चुकाने से बचने की कोशिश के लिए ऑफशोर एक्सचेंजों को चुन रहे हैं. दरअसल वर्चुअल डिजिटल ऐसेट (वीडीए) से प्रॉफिट और 10,000 रुपये से ज्यादा की खरीदारी और बिक्री ट्रांजेक्शन पर 1 फीसदी टीडीएस देना होता है.

क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिजनेस पर सख्ती की सरकार की तैयारी

मार्च 2023 में क्रिप्टो या वर्चुअल ऐसेट इंडस्ट्रीज को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 (पीएमएलए) के दायरे में लाया गया था. इसके तहत वित्त मंत्रालय ने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) या क्रिप्टो एक्सचेंज और बिचौलियों को पीएमएलए के तहत रिपोर्टिंग एंटिटी के तौर पर शामिल किया. नियमों के तहत क्रिप्टो एक्सचेंजों को किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट वित्तीय खुफिया इकाई-भारत (फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट-इंडिया) को करना जरूरी कर दिया गया है. इसमें वर्चुअल डिजिटल ऐसेट सर्विस प्रोवाइडर्स (वीडीए एसपी) वाले क्रिप्टो एक्सचेंजों को अपने प्लेटफॉर्म यूजर्स और कस्टमर की KYC करना जरूरी किया गया. पीएमएलए के रिपोर्टिंग दायरे में आने वाली संस्थाओं को कस्टमर्स और मालिकों के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन से जुड़ी केवाईसी डिटेल्स और दूसरे डॉक्यूमेंट अपने पास रखने होते हैं.

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