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भारती एयरटेल ने स्पैम की बढ़ती समस्या को दूर करने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत का पहला एआई-ड्रिवेन, नेटवर्क-बेस्ड स्पैम डिटेक्शन सॉल्यूशन पेश किया है. इसे एयरटेल के सभी यूजर्स के लिए ऑटोमैटेकली एक्टिवेट कर दिया जाएगा. यह सॉल्यूशन बिना किसी ऐप को डाउनलोड किए या सर्विस रिक्वेस्ट के रियल टाइम में स्पैम कॉल और एसएमएस के बारे में ग्राहकों को अलर्ट कर टेलीकॉम इनोवेशन का एक नया मानक स्थापित करता है.
एडवांस एआई की मदद से बढ़ते खतरे को दूर करना
स्पैम कॉल और मैसेज भारत में एक पुरानी समस्या रही है, जिससे रोजाना लाखों मोबाइल यूजर प्रभावित होते हैं. एक हालिया इंडस्ट्री डेटा के अनुसार, स्पैम कॉल और एसएमएस से प्रभावित होने के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष देशों में से एक है, जिससे काफी दिक्कतें आती हैं और प्राइवेसी से जुड़े खतरे पैदा होते हैं.
एयरटेल के नये सॉल्यूशन का लक्ष्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का लाभ उठाकर इस चुनौती को दूर करना है. इससे एयरटेल के ग्राहकों को अनोखी सुरक्षा मिलेगी.
भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ गोपाल विट्टल ने कहा, “स्पैम मोबाइल यूजर्स के लिए चिंता का विषय बन गया है, जो उनके दैनिक जीवन और डिजिटल कम्युनिकेशन में उनके भरोसे दोनों को प्रभावित कर रहा है. आज हम भारत के पहले एआई-ड्रिवेन स्पैम-फ्री नेटवर्क के लॉन्च के साथ एक मील का पत्थर बना रहे हैं, जो हमारे ग्राहकों को उनके जीवन में दखल देने वाले और नापसंद कम्युनिकेशन से बचाव प्रदान करेगा.”
इनोवेटिव डुअल-लेयर प्रोटेक्शन: टेक्नोलॉजी की दुनिया में पहली बार
एयरटेल का सॉल्यूशन एक यूनिक डुअल-लेयर प्रोटेक्शन फ्रेमवर्क पर तैयार किया गया है, जो उन्नत आईटी सिस्टम के साथ नेटवर्क-लेवल डिफेंस को इंटीग्रेट करता है. चूंकि सारे कॉल और एसएमएस इस डुअल-लेयर वाले एआई शील्ड से होकर गुजरते हैं, इसलिए सिस्टम हर रोज 1.5 बिलियन मैसेज और 2.5 बिलियन कॉल को केवल 2 मिलीसेकंड में प्रोसेस करता है, जो रियल टाइम में 1 ट्रिलियन रिकॉर्ड को संभालने के बराबर है. यह क्षमता एआई-ड्रिवेन सिस्टम की प्रोसेसिंग की ताकत और स्पीड के बारे में बताती है और इसे वैश्विक स्तर पर उपलब्ध सबसे बेहतर स्पैम डिटेक्शन टूल में से एक बनाती है.
एयरटेल के डेटा वैज्ञानिकों की इन-हाउस टीम ने पिछले साल इस प्रॉपराइटरी टेक्नोलॉजी को विकसित किया, जो कॉल फ्रीक्वेंसी, ड्यूरेशन और सेंडर के व्यवहार जैसे पैटर्न का विश्लेषण कर कम्युनिकेशन की पहचान करती है और उन्हें “संदिग्ध स्पैम” के रूप में वर्गीकृत करती है. यह सॉल्यूशन कितना प्रभावी है, वह इस बात से पता चलता है कि हर रोज उसने 100 मिलियन संभावित स्पैम कॉल और 3 मिलियन स्पैम एसएमएस की पहचान की है, जो स्पैम के प्रोएक्टिव मैनेजमेंट में एक नया इंडस्ट्री स्टैंडर्ड तैयार करता है.
प्रोएक्टिव अलर्ट और नुकसान पहुंचाने वाले लिंक से सुरक्षा
स्पैम कॉल और एसएमएस की पहचान करने के अलावा एयरटेल का एआई सिस्टम गलत इरादे वाले कंटेंट के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है.यह सॉल्यूशन ब्लैकलिस्ट किए गए यूआरएल के केंद्रीकृत डेटाबेस से रियल टाइम में एसएमएस को स्कैन कर यूजर्स को वैसे संदिग्ध लिंक के बारे में सचेत करता है, जो सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं. सुरक्षा की यह अतिरिक्त लेयर फिशिंग अटैक और अन्य डिजिटल खतरों को रोकने में मदद करती है, जिनके ऊपर अक्सर किसी का ध्यान नहीं जाता.
इसके अलावा, यह टूल असामान्य पैटर्न का पता लगा सकता है, जैसे कि आईएमईआई नंबर में बार-बार होने वाले बदलाव, जो अक्सर फ्रॉड के मामलों में किया जाता है. यह न केवल ग्राहकों की सुरक्षा करता है बल्कि नेटवर्क की ओवरऑल सुरक्षा को भी बढ़ाता है, जिससे एयरटेल डिजिटल फ्रॉड के खिलाफ लड़ाई में अव्वल बन जाता है.
ग्राहकों की सुरक्षा के नए मानक बनाना
एयरटेल का यह अप्रोच लगातार इनोवेशन के जरिए ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. एयरटेल एआई-ड्रिवेन, नेटवर्क-बेस्ड स्पैम डिटेक्शन सॉल्यूशन लाने वाले भारत के पहले टेलीकॉम ऑपरेटर के रूप में इंडस्ट्री के लिए एक नया बेंचमार्क स्थापित कर रहा है, जो तेजी से बदल रहे डिजिटल लैंडस्केप में यूजर्स की सुरक्षा व सहूलियत को सबसे ऊपर रखता है.
इस लॉन्च के साथ एयरटेल की जगह टेक्नोलॉजी-ड्रिवेन मार्केट लीडर के रूप में मजबूत हो जाती है, जो अपने ग्राहकों के लिए स्पैम-फ्री, सुरक्षित और भरेसेमंद नेटवर्क बनाने पर फोकस्ड है.
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