एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं फ्लू, वायरल फीवर और निमोनिया, जानें तीनों की कैसे करें पहचान


Health Tips: सर्दियां अपने साथ कई बीमारियां भी लेकर आई हैं. देश के कई इलाकों में इन दिनों फ्लू, वायरल फीवर और निमोनिया के मामले बढ़ रहे हैं. चूंकि इस मौसम में कई तरह के बैक्टीरिया और वायरस सक्रिय हो जाते हैं, जिससे बीमारियां बढ़ने लगती हैं. सबसे बड़ी समस्या ये है कि फ्लू, वायरल बुखार और निमोनिया (Flu, Viral Fever and Pneumonia) में खांसी-जुकाम और बुखार ही होता है. ऐसे में बहुत से लोग इन तीनों की पहचान करने में कंफ्यूज रहते हैं. इसे जल्द से जल्द जान लेना चाहिए, क्योंकि निमोनिया जैसी बीमारियां खतरनाक और जानलेवा भी हो सकती हैं. इसलिए आज हम आपको इन तीनों बीमारियों के लक्षणों के बीच का अंतर बता रहे हैं…

 

निमोनिया-फ्लू में क्या अंतर है

1. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फ्लू और निमोनिया के लक्षण में सबसे बड़ा अंतर सांस से जुड़ा है. फ्लू होने पर सांस लेने में किसी तरह की परेशानी नहीं होती है लेकिन निमोनिया में सांस लेने में तकलीफ होती है और इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है.

 

2. फ्लू होने पर सीने में दर्द की समस्या नहीं होता है, लेकिन निमोनिया में सीना तेज से दर्द करता है. खांसी के साथ बलगम भी आ सकता है. 

 

3. निमोनिया होने पर थकान, भूख में कमी और ठंडा पसीना आता है लेकिन फ्लू में ठंडा पसीना नहीं निकलता है.

 

4. फ्लू तीन-चार दिन में खुद से ही ठीक हो जाता है, लेकिन बैक्टीरियल निमोनिया मरीज की हालत को बिगाड़ सकता है. समय पर इलाज न मिले तो जान भी जा सकती है.

 

निमोनिया और वायरल फीवर में अंतर

वायरल में हल्का बुखार और सांस लेने में समस्या या छाती में दर्द नहीं होता है. वायरल फीवर किसी को भी हो सकता है. जबकि निमोनिया के ज्यादातर केस बच्चों और बुजुर्गों में हो होते हैं. दो साल से कम उम्र के छोटे बच्चों के लिए यह खतरनाक हो सकता है.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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