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रिलायंस इंडस्ट्रीज की 46वीं सालाना आम बैठक पूरी हो गई, लेकिन बाजार के विश्लेषकों और निवेशकों का सालों पुराना सपना इस बार भी पूरा नहीं हो पाया. हम बात उस सपने की कर रहे हैं, जो अभी से ठीक 4 साल पहले खुद रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने दिखाया था. अगर आप अभी भी नहीं समझ पाए हैं तो बता दें कि हम जियो के प्रस्तावित आईपीओ की बात कर रहे हैं.
2019 में किया था आईपीओ का ऐलान
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जियो के साथ टेलीकॉम इंडस्ट्री में अभी से 7 साल पहले 2016 में कदम रखा था. उसके तीन साल बाद यानी 2019 में सालाना आम बैठक के दौरान निवेशकों व शेयरधारकों को संबोधित करते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो का आईपीओ लाने का ऐलान किया था. उसके बाद एक के बाद एक डील में हिस्सेदारी बिकते जा रही है, लेकिन आईपीओ का इंतजार समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है.
हर बार एजीएम से पहले लगती है उम्मीद
साल 2019 के बाद अब हर साल जैसे ही रिलायंस इंडस्ट्रीज की एजीएम की तारीख नजदीक आती है, बाजार विश्लेषकों के साथ-साथ निवेशकों की उम्मीदें बढ़ जाती हैं. हर बार उन्हें लगता है कि इस साल की एजीएम में पक्का कोई ठोस ऐलान होगा और हर बार उन्हें नाउम्मीद होना पड़ जाता है. आज की एजीएम से पहले भी जियो के साथ-साथ रिटेल बिजनेस और फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस के आईपीओ पर घोषणाओं का लोग इंतजार कर रहे थे. पिछले कुछ सालों की तरह इस बार की एजीएम में भी आईपीओ को लेकर कोई ऐलान नहीं हुआ.
बेच चुके हैं जियो की इतनी हिस्सेदारी
रिलायंस इंडस्ट्रीज का टेलीकॉम बिजनेस रिलायंस जियो इंफोकॉम उसकी सब्सिडियरी जियो प्लेटफॉर्म्स के पास है. 2019 में आईपीओ की योजना का ऐलान करने के बाद साल 2020 में ही 12 सौदों में जियो प्लेटफॉर्म्स की 25 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी बेची जा चुकी है. उन सौदों में फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं. फेसबुक ने 43,500 करोड़ रुपये में 10 फीसदी और गूगल ने 33,700 करोड़ रुपये में 7.7 फीसदी हिस्सेदारी ली थी. अलग-अलग डील में करीब 25 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर जियो प्लेटफॉर्म्स को करीब 1.18 लाख करोड़ रुपये जुटाने में सफलता मिली थी.
इतनी है जियो प्लेटफॉर्म्स की वैल्यू
साल 2020 में जियो प्लेटफॉर्म्स की वैल्यू 63 बिलियन डॉलर (करीब 5 लाख करोड़ रुपये) आंकी गई थी. बाजार के अनुमान के हिसाब से कंपनी की वैल्यू तब से अब तक 27-28 फीसदी ऊपर गई होगी. इस हिसाब से जियो प्लेटफॉर्म्स की अभी की वैल्यू 6.5 लाख करोड़ रुपये के आस-पास होने का अनुमान है. हालांकि कंपनी की सही वैल्यू तभी डिस्कवर हो पाती, जब आईपीओ के बाद उसके शेयर ओपन मार्केट में लिस्ट होते.
अब देखना ये है कि मुकेश अंबानी ने 4 साल पहले निवेशकों को जो सपना दिखाया था, उसे पूरा होने में अभी और कितना वक्त लगता है!
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