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इंश्योरेंस रेगुलेटरी और डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) मेडिकल खर्च क्लेम के लिए 100 फीसदी कैशलेस सेटलमेंट करने पर प्लेयर्स के साथ काम कर रहा है. 100 फीसदी सेटलमेंट से मेडिकल खर्च शून्य हो जाएगा. आईआरडीएआई चेयरमैन देबाशीष पांडा ने मंगलवार को कहा कि इससे दावा दाखिल करने की आवश्यकता खत्म हो जाएगी.
पांडा ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2023 में बोलते हुए कहा कि उद्योग निकाय जीवन बीमा परिषद और समान्य बीमा परिषद अस्पतालों के साथ सामान्य पैनल को सक्षम करने के लिए एक बहुत ही प्रमुख और सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. इससे पॉलिसीधारकों के लिए स्वास्थ्य बीमा का दावा का प्रोसेस आसान हो जाएगा.
IRDAI नेशनल हेल्थ अथोरिटी के साथ सीनियर सिटीजन के लिए बीमा को बेहतर बनाने और ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों को नेशनल हेल्थ एक्सचेंज पर लाने के लिए काम कर रहा है. मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस चार्ज ज्यादातर लोगों के लिए मुश्किल हो चुका है. ऐसे में आईआरडीएआई बेहतर उत्पाद देने के लिए इसपर काम कर रहा है.
रेगुलेटर लांग टर्म में सामान्य बीमा, लचीली नीतियों जैसे उत्पादों और सुविधाओं को लॉन्च करने के लिए भी काम कर रहा है. बीमा उत्पादों की पहुंच को और बेहतर बनाने के लिए नए बीमा कंपनियों को प्रोत्साहित कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी और मोटर्स, पी एंड आई क्लब, गोदामों के लिए बीमा में लॉन्ग टर्म प्रोडक्ट पर विचार कर रहे हैं, ताकि सुविधाएं और बेहतर हो सकें.
पांडा ने कहा कि इंश्योरेंस सेक्टर में प्लेयर्स के सामने डील के साथ नया रिस्क अगले 10 साल में बढ़ा है, जिसके तहत क्लाइमेट चेंज, पैंडेमिक और साइबर सिक्योरिटी शामिल हैं. इसने इंश्योरेंस के नेचर और बीमा वितरण को बदला है.
पांडा ने कहा कि बीमा सेक्टर को और प्रभावी बनाने के लिए हर दिन नए तरीकों पर काम किया जा रहा है. स्मूथ ट्रांजेक्शन और रिस्क बेस्ड फ्रेमवर्क भी डेवलप किया जा रहा है. वहीं बीमाकर्ताओं के लिए स्टैबलिश मशीनरी भी डेवलप की जा रही है.
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