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<p>इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शनिवार को लाखों सैलरीड टैक्सपेयर्स (कर्मचारियों) को बड़ी राहत दी. डिपार्टमेंट ने रेंट-फ्री होम से जुड़े नियमों में कुछ बदलाव किया है. ये बदलाव जल्द ही अमल में आ जाएंगे और इनके प्रभावी होने के बाद कई सैलरीड टैक्सपेयर्स की इन-हैंड यानी टेक होम सैलरी बढ़ जाएगी.</p>
<h3>सीबीडीटी ने जारी की अधिसूचना</h3>
<p>न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी ने इस संबंध में 19 अगस्त शनिवार को एक अधिसूचना जारी की. यह अधिसूचना नियोक्ताओं यानी कंपनियों के द्वारा अपने कर्मचारियों को दिए जाने वाले रेंट-फ्री होम या बिना किराये के ठहरने की व्यवस्था से जुड़ी है. सीबीडीटी ने अधिसूचना में बताया कि प्रस्तावित बदलाव अगले महीने की शुरुआत से लागू हो जाएंगे.</p>
<h3>अगले महीने से लागू होंगे बदलाव</h3>
<p>इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बिना किराये के ठहरने के लिए दी जाने वाली सुविधा को लेकर प्रावधानों में बदलाव किया है. नोटिफिकेशन के अनुसार, वैसे कर्मचारी, जिन्हें नियोक्ताओं की तरफ से रेंट-फ्री एकमोडेशन की सुविधा दी गई है, अब पहले से ज्यादा बचत कर पाएंगे और उनकी टेक होम सैलरी बढ़ जाने वाली है. मतलब बदलाव से प्रभावित कर्मचारियों की टेक होम सैलरी अगले महीने से बढ़ जाएगी, क्योंकि नए प्रावधान 1 सितंबर 2023 से लागू हो रहे हैं.</p>
<h3>ऐसे कर्मचारियों को मिलेगा लाभ</h3>
<p>नोटिफिकेशन के अनुसार, केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार के कर्मचारियों के अलावा जिन मामलों में कर्मचारियों को अनफर्निश्ड एकमोडेशन प्रोवाइड कराए जाते हैं और उन एकमोडेशन का मालिकाना हक एम्पलॉयर के पास होता है, वैसी स्थिति में अब वैल्यूएशन इस प्रकार होगा-</p>
<h3>ऐसे बदला वैल्यू का फॉर्मूला</h3>
<p>1) 2011 की जनसंख्या के अनुसार 40 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में सैलरी का 10 पर्सेंट. (पहले यह 2001 की जनसंख्या के अनुसार 25 लाख की आबादी वाले शहरों में सैलरी के 15 फीसदी के बराबर था.)<br />2) 2011 की जनसंख्या के हिसाब से 40 लाख से कम लेकिन 15 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में सैलरी के 7.5 फीसदी के बराबर. (पहले यह 2001 की जनसंख्या के आधार पर 10 से 25 लाख की आबादी वाले शहरों में 10 फीसदी था.)</p>
<h3>इस तरह से होगा फायदा</h3>
<p>इस फैसले का असर होगा कि जो कर्मचारी अपने नियोक्ता की तरफ से उपलब्ध कराए गए रेंट फ्री घरों में रह रहे हैं, उनके लिए किराये का कैलकुलेशन अब बदले फॉर्मूले के हिसाब से होगा. बदले फॉर्मूले में वैल्यूएशन की दर को कम किया गया है. इसका मतलब हुआ कि अब टोटल सैलरी से कम कटौती होगी, जिसका मतलब अंतत: हर महीने की टेक होम सैलरी में बढ़ोतरी है.</p>
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