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Ashneer Grover: भारतपे (BharatPe) के फाउंडर अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) को अपने खरे अंदाज के लिए जाना जाता है. उन्होंने एक बार फिर से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) पर निशाना साधा है. पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) के खिलाफ हुए आरबीआई के एक्शन को उन्होंने बहुत सख्त बताया है. अशनीर ग्रोवर ने कहा- इस तरह की सख्ती करके आरबीआई ने दिखाया है कि उनके लिए बैंक इम्पोर्टेंट हैं, फिनटेक नहीं.
पेटीएम ने देश में फिनटेक को जन्म दिया
अशनीर ग्रोवर ने मिरर नाउ को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि पेटीएम ने देश में फिनटेक को जन्म दिया है. डिजिटल पेमेंट के सेक्टर में इसके योगदान को खारिज नहीं किया जा सकता. हमारा ढांचा बड़े स्टार्टअप को स्वीकार नहीं कर पा रहा है. पिछले 10 से 12 साल में भारत में स्टार्टअप तेजी से उभरे हैं. सरकार में लोग स्टार्टअप फाउंडर के साथ फोटो खिंचाना चाहते हैं, लेकिन कानून को लेकर कोई फैसला नहीं लेना चाहते.
स्टार्टअप लाए एफडीआई और दीं नौकरियां
अशनीर ने कहा कि हमारे पास 111 यूनिकॉर्न हैं. मगर, इनमें से किसी को भी इकोनॉमी के लिए इम्पोर्टेंट नहीं माना जाता है. इन स्टार्टअप्स ने जीडीपी विकास दर को आगे बढ़ाने में पूरा योगदान दिया है. स्टार्टअप भारत में बड़ी संख्या में एफडीआई लाए. साथ ही सबसे ज्यादा नौकरियां भी इन्हीं कंपनियों ने पैदा की हैं.
पेटीएम की वजह से बनी भारतपे
अशनीर ग्रोवर ने कहा कि पेटीएम की वजह से भारतपे जैसी कई कंपनियों को मार्केट में आने का मौका मिला. भारतपे को अपने जन्म के लिए पेटीएम को श्रेय देना चाहिए. पेटीएम नहीं होती तो भारतपे जैसी कंपनियां नहीं होतीं. पेटीएम ने ही क्यूआर कोड से पेमेंट को लेकर लोगों में भरोसा पैदा किया. आज करोड़ों लोग डिजिटल ट्रांजेक्शन से जुड़कर अपने लेनदेन कर रहे हैं. क्यूआर कोड लोकप्रिय होने के बाद कंज्यूमर के लिए फोनपे (PhonePe) और गूगल पे (Google Pay) जैसी कंपनियां उभरीं और मर्चेंट्स के लिए भारतपे और पाइन लैब्स (Pine Labs) सामने आईं.
आरबीआई युवाओं पर नहीं कर पा रहा भरोसा
आरबीआई की सख्ती की आलोचना करते हुए ग्रोवर ने कहा कि लाइसेंस कैंसिल करने की सजा गंभीर है. रिजर्व बैंक में निर्णय लेने वाले लगभग 60 साल की उम्र के पास होते हैं. उन्हें शायद युवाओं पर कम भरोसा होता है. उनके पास बैंकों का मैनेजमेंट करने का बहुत अनुभव होता है. मगर, वे एक 40 साल के युवा पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं.
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