आखिर क्यों ईद उल फित्र की खुशियां सेवइयों के बिना है अधूरी, क्या है परंपरा

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Eid-Ul-Fitr 2024: रमजान का पाक महीना अब अपने आखिरी पड़ाव पर है. चंद दिन बाद भारत समेत पूरी दुनिया के मुसलमान ईद मनाएंगे. यह वो त्योहार है, जो मुसलमानों के लिए सबसे अहम माना जाता है.

हर त्योहार सांस्कृतिक रीति-रिवाज, मूल्यों, परंपराओं के मानने और उसके प्रदर्शन का एक गुलदस्ता होता है. ईद भी अपने साथ अनेक रिवायतें और खुसूसीयत समेटे हुए है. इस मौके पर खास पकवान बनाए जाते हैं, लेकिन जिस पकवान को अलग पहचान और शोहरत मिली वो सेवई है, जिसका कोई सानी नहीं.

क्यों कहा जाता है मीठी ईद
भारतीय उपमहाद्वीप में मुसलमान घरानों में ये बात कही जाती है कि बिना सेवइयां तो ईद ही अधूरी है. दरअसल, इसी सेवइयों के इस्तेमाल की वजह इस ईद को मीठी ईद भी कहा जाता है. ये सेवइयां सिर्फ खाने पीने की चीज़ नहीं है, बल्कि मेहमान को परोसने से लेकर करीबी रिश्तेदारों, पड़ोसियों के यहां भेजने और मुहब्बत बांटने का एक अहम जरिया है.

चांद नजर आने के बाद ही होता है ईद का आगाज
रमजान का महीना बीत जाने के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फित्र का त्योहार मनाया जाता है. ईद का चांद नजर आने के बाद ही इस त्योहार का आगाज होता है. ईद के दिन लोग एक दूसरे के घर सेवइयां खाने जाते हैं.

बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को सेवइयां बेहद पसंद होती हैं. सेवइयां सिर्फ मुस्लिम समुदाय नहीं बल्कि हर धर्म और मजहब के लोगों में मशहूर है. भारत के अलग-अलग इलाकों और समुदाय के लोगों में सेवई के अलग-अलग रूप में मिलते हैं. 

सेवई बनाने के पीछे क्या है वजह 
जब लोग ईद की नमाज पढ़कर घर लौटते हैं तो इस दौरान महिलाएं और बच्चियां, अपने करीबी रिश्तेदार, दोस्त, पड़ोसियों के घर सेवईंया लेकर जाती हैं. इसी मौके पर बच्चियों को उपहार के तौर पर ईदी (ईद के मौके पर दिए जाने वाले पैसे) भी मिलती है, जिसे पाने के बाद बच्चों में खुशी की लहर दौड़ जाती है.

सेवई बनाने को लेकर मान्यता यह है कि ये आपसी तालमेल और रिश्ते में मिठास भरता है. लोग इसे खाने के अलावा एक दूसरे को उपहार भी देते हैं और भाईचारे में मिठास की कामना करते हैं. ये सेवई भी दो तरीके से बनाई जाती है. 

ईद के दिन बनाई जाती है दो तरह की सेवइयां
ईद के दिन अलग-अलग धर्मों के लोग सभी गिले-शिकवे भुलाकर एक दूसरे से गले मिलते हैं और सेवइयां उनकी तल्खी की कड़वाहट मिठास में बदल देती हैं. ईद के मौके पर दो तरह की सेवई बनाई जाती है- पहला शीर खुरमा तो दूसरा किमामी सेवई.

शीर खुरमा का स्वाद लोगों को खूब पसंद आता है. इसमें दूध और मेवा को एक साथ पकाया जाता है और ईद वाले दिन घर पर आए मेहमानों को नाश्ते में परोसा जाता है. शीर खुरमा को अलग-अलग तरीकों से बनाया जाता है. इसमें ड्राई फ्रूट्स जैसे पिस्ता, बादाम, काजू, नारियल और छुहारा डाले जाते हैं. स्वादिष्ट होने के साथ ही इसे काफी पौष्टिक भी माना जाता है. 

किमामी सेवई की बात करें तो इसे चाशनी के साथ पकाया जाता है. किमामी सेवई को बनाने में चीनी मेवा और सेवई का यूज किया जाता है. साथ ही मखाना, खोया, बादाम आदि सामान मिलाया जाता है. इन सभी चीजों को मिलाने के बाद सेवई का स्वाद दोगुना हो जाता है.

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