IT Sector Salary: आईटी सेक्टर में सुस्ती के चर्चे इन दिनों आम हैं. आशंका जताई जा रही है कि अगले साल भी आईटी सेक्टर में कुछ खास तेजी नहीं आने वाली है. इसलिए कर्मचारियों को शायद उतना इंक्रीमेंट नहीं मिल पाए. आईआईटी प्लेसमेंट में आई गिरावट भी इसी और संकेत दे रही है. मगर, अब जो जानकारी निकलकर सामने आई है वह आपको चौंका देगी. दिग्गज आईटी कंपनी विप्रो अपने विदेशी सीईओ थिएरी डेलापोर्ट (Thierry Delaporte) को लगभग 82 करोड़ रुपये सालाना वेतन देती है. किसी भी आईटी कंपनी के सीईओ का वेतन उनके आसपास भी नहीं है.
एचसीएल और टीसीएस के सीईओ से काफी ज्यादा वेतन
उन्हें भारतीय आईटी कंपनियों में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाला सीईओ बताया जा रहा है. वित्त वर्ष 2023 के लिए विप्रो की फाइलिंग में यह जानकारी सामने आई. डेलापोर्ट का सालाना वेतन एचसीएल और टीसीएस के सीईओ से काफी ज्यादा है. विप्रो से डेलापोर्ट को सालाना 82 करोड़ रुपये से भी ज्यादा मिलता है. आईटी सेक्टर में सबसे ज्यादा सैलरी के मामले में दूसरे नंबर पर इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख हैं. उनका सालाना वेतन 56.45 करोड़ रुपये है. एचसीएल के सीईओ सी विजयकुमार को सालाना 28.4 करोड़ रुपये मिलते हैं.
2020 में विप्रो से जुड़े थिएरी डेलापोर्ट
फ्रांस के रहने थिएरी डेलापोर्ट देश की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक विप्रो के सीईओ हैं. 93,400 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत वाली इस कंपनी में वह सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर का पद संभालते हैं. वित्त वर्ष 2023 में उनकी सालाना सैलरी 82.4 करोड़ रुपये रही. 56 साल के डेलापोर्ट के पास ग्लोबल आईटी सेक्टर में तीन दशक का अनुभव है. विप्रो से जुड़ने से पहले वह फ्रांस की आईटी कंपनी कैपजेमिनी में चीफ ऑपरेटिंग अधिकारी (सीओओ) का पद संभाल रहे थे. जुलाई, 2020 में उन्होंने विप्रो की बागडोर संभाली थी.
कैपजेमिनी के साथ उन्होंने लगभग 25 साल बिताए
डेलापोर्ट ने पेरिस की पब्लिक यूनिवर्सिटी साइंसेज से इकोनॉमी एंड फाइनेंस में ग्रेजुएशन की थी. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत जुलाई, 1992 में ऑर्थर एंडरसन एंड कंपनी में एक्सटर्नल ऑडिटर के तौर पर की थी. तीन साल काम करने के बाद 1995 में वह कैपजेमिनी के साथ जुड़ गए. इस कंपनी में उन्होंने लगभग 25 साल बिताए. विप्रो के मालिक अजीम प्रेमजी हैं. फिलहाल वह कंपनी के बोर्ड में नॉन एग्जीक्यूटिव सदस्य के तौर पर बने हुए हैं.
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