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<p style="text-align: justify;">अलीगढ़ मुस्लिम विश्ववद्यायलय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर लगातर धरने और प्रदर्शन चल रहे हैं. दिल्ली के जंतर-मंतर पर एएमयू कुलपति पैनल को लेकर शिक्षक संघ, पूर्व छात्र और शिक्षकों ने धरना दिया. धरने के दौरान राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन भी दिया गया. ज्ञापन में राष्ट्रपति से मामले में हस्तक्षेप करने के लिए अनुरोध किया गया है. वहीं, देश के कुछ अन्य विश्वविद्यालयों में भी पूर्णकालिक कुलपति नहीं हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">बता दें कि देश में कुल 56 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं. जिनमें से दस सेंट्रल यूनिवर्सिटी अलग-अलग मिनिस्ट्री के अधीन आती हैं. लेकिन फिलहाल इन सभी यूनिवर्सिटी में सबसे ज्यादा चर्चा में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में कुलपति की नियुक्ति को लेकर पिछले कई महीनों से लगातार धरना और प्रदर्शन चल रहे हैं. यूनिवर्सिटी के शिक्षकों, छात्रों और पूर्व छात्रों का कहना है कि पिछले कई महीनों से विश्वविद्यालय में कोई नियमित कुलपति नहीं है, जिसकी वजह से विश्वविद्यालय के कामकाज में बाधा आ रही है.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>प्रो वाइस चांसलर को दी गई थी जिम्मेदारी</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">अलीगढ़ मुस्लिम विश्ववद्यायलय के पूर्व कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने अप्रैल 2023 में भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्य विधान परिषद के सदस्य के तौर पर मनोनीत किये जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था. प्रो. मंसूर के स्थान पर प्रो-वाइस चांसलर प्रो. मोहम्मद गुलरेज को कार्यवाहक कुलपति नियुक्त किया गया था. लेकिन अभी तक यूनिवर्सिटी में परमानेंट वाइस चांसलर की नियुक्ति नहीं हुई है. एएमयू के शिक्षकों और छात्रों ने कुलपति की नियुक्ति की मांग को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन किया है. कई बार तो यूनिवर्सिटी के गेट को भी बंद कर दिया गया.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>2021-22 में 20 वीसी किए थे नियुक्त </strong></h3>
<p style="text-align: justify;">वहीं, पिछले वर्ष आई एक रिपोर्ट के अनुसार देश की चार सेंट्रल यूनिवर्सिटी में नियमित कुलपति नहीं थे. जिनमें आंध्र प्रदेश में स्थित राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, बिहार का महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, जम्मू और कश्मीर का कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय और ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय के नाम थे. जिस पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने राज्यसभा में कहा था कि विश्वविद्यालयों में कुलपतियों के रिक्त पद को भरना एक सतत प्रक्रिया है, जोकि साल भर चलती है. सरकार की तरफ से हर कदम की निगरानी की जाती है. इस दौरान उन्होंने बताया था कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में वीसी के छह रिक्त पद 2019-20 और 2020-21 में भरे गए और 2021-22 में 20 वीसी नियुक्त किए गए. बताते चलें कि 2023 में कई यूनिवर्सिटी में कुलपति की नियुक्ति हुई है. </p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>आखिर कब होगी नियुक्ति</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">लेकिन फिलहाल अलीगढ़ मुस्लिम विश्ववद्यायलय में स्थाई कुलपति की नियुक्ति का मामला सरकार के लिए एक चुनौती बनकर खड़ा है. देखने वाली बात होगी कि एएमयू में कब तक एक स्थाई वाइस चांसलर की नियुक्ति होती है.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>11 हजार से अधिक पद थे खाली</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">पिछले साल शिक्षा मंत्रालय की तरफ से साझा किए गए डाटा के अनुसार देश भर की सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी, आईआईटी और आईआईएम में प्रोफेसर के 11,000 से ज्यादा पद खाली हैं.</p>
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