अलर्ट ! नॉन स्मोकर्स में भी बढ़ रहा लंग्स कैंसर का खतरा, जानें कारण और बचाव का तरीका

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Lungs Cancer : दुनिया में खतरनाक जानलेवा बीमारियों में से एक लंग्स कैंसर भी है. WHO की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 दुनियाभर में फेफड़े को कैंसर से मरने वालों की संख्या 18 लाख से ज्यादा थी. यही कारण है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स लगातार इससे सावधान रहने और बचाव के प्रयास करने की सलाह दे रहे हैं.  एक्सपर्ट्स के मुताबिक, धूम्रपान करने वालों में लंग्स कैंसर (Lungs Cancer) का खतरा कहीं ज्यादा होता है. हालांकि, हाल में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि लंग्स कैंसर के मामले उन लोगों में भी पाया गया है, जिन्होंने कभी भी धूम्रपान नहीं किया है. आइए जानते हैं इस बीमारी का कारण और इससे बचाव का तरीका…

 

सिगरेट न पीने वालों में भी लंग्स कैंसर का खतरा

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के एक्सपर्ट्स का कहना है कि धूम्रपान या फिर सेकेंड हैंड स्मोकिंग यानी सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने से भी फेफड़े का कैंसर का खतरा रहता है. संयुक्त राज्य अमेरिका में  करीब 10-20 प्रतिशत लंग्स कैंसर ऐसे लोगों में पाया गया है, जिन्होंने कभी धूम्रपान को हाथ तक नहीं लगाया है. ऐसे लोगों में एडेनोकार्सिनोमा कैंसर के ज्यादा केस देखने को मिले हैं. इस तरह का कैंसर कोशिकाओं में शुरू होकर फेफड़ों की छोटी वायु थैलियों तक हपुंच जाता है. कभी-कभी फेफड़ों के अंदर की पतली सपाट कोशिकाओं में भी यह फैल जाता है.

 

धूम्रपान न करने वाले में क्यों बढ़ रहा लंग्स कैंसर का खतरा

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भले ही कोई धूम्रपान नहीं करता है लेकिन कुछ पर्यावरणीय स्थितियां ऐसी बन जाती हैं, जिनकी वजह से फेफड़े का कैंसर बढ़ सकता है. सेकेंड हैंड स्मोकिंग इसका एक प्रमुख कारण है. ऐसे में उन लोगों में भी लंग्स कैंसर का ज्यादा खतरा रहता है, जो धूम्रपान के धुएं के संपर्क में रहते हैं.  रेडॉन, वायु प्रदूषण और फैमिली हिस्ट्री की वजह से भी फेफड़े का कैंसर हो सकता है. इसलिए हर किसी को अलर्ट रहना चाहिए.

 

कभी धूम्रपान न करने वालों में लंग्स कैंसर के लक्षण

ऐसे लोग जो कभी सिगरेट-बीड़ी नहीं पीते हैं, क्या उनमें लंग्स कैंसर के लक्षण अलग होते हैं. इसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि स्मोकर्स और नॉन स्मोकर्स दोनों में फेफड़ों के कैंसर के लक्षण समान होते हैं. हर समय थकान महसूस होती है, बार-बार खांसी आती है, खांसी के साथ खून आने या सीने में दर्द, घरघराहट या सांस लेने में परेशानी हो सकती है.

 

धूम्रपान न करने वालों लंग्स कैंसर के खतरे से कैसे बचें

हेल्थ एक्स्पर्ट्स कहते हैं कि सेकेंड हैंड धुएं, गाड़ियों से निकलने वाले धुएं और वायु प्रदूषण-रसायनों से दूर रहकर आप अपने फेफड़ों की सुरक्षा कर सकते हैं और लंग्स कैंसर का खतरा कम कर सकते हैं. घर में रेडॉन का परीक्षण करवाना चाहिए. अगर इसका लेवल ज्यादा है तो उससे बचाव के कदम उठाने चाहिए. अगर परिवार में किसी को पहले से ही यह समस्या है तो समय रहते डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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